भारत में जब भी कोई मुख्यमंत्री या फिर बड़ा मंत्री सड़क से गुजरता है तो सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता कर दी जाती है. एरिया की पूरी पुलिस सड़कों पर होती है. अधिकारी-कर्मचारी किसी प्रकार की लापरवाही नहीं दिखाना चाहते. हालांकि, कभी-कभी वीआईपी काफिले में सेंधमारी हो जाती है. कुछ लोग काफिले में घुस जाते हैं, जिससे काफिले को रोकना पड़ जाता है. आज हम आपको बताएंगे कि अगर कोई व्यक्ति गलती से सीएम या फिर किसी बड़े मंत्री से कारकेड से टकरा जाता है तो क्या होता है. उसे क्या सजा मिलेगी.
हाल ही में ऐसा ही एक मामला सामने आया है. दरअसल, एक दिन पहले एक महिला की वजह से केरल के सीएम पिनरई वियजन के काफिले की चार गाड़ियां आपस में टकरा गई थीं. स्कूटी महिला चला रही थीं. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ. वीडियो में दिख रहा है कि स्कूटी सवार महिला को बचाने के लिए काफिले की पहली गाड़ी ने ब्रेक मारा, जिस वजह से पीछे चल रही गाड़ियां आपस से टकरा गईं. आखिर में एंबुलेंस ने आगे खड़ी गाड़ी पर कसकर टक्कर मारी है.
सीएम के लिए अलग प्रोटोकॉल
वैसे तो सीएम या किसी वीआईपी के काफिले से पहले रूट लगाया जाता है. इस दौरान, ट्रैफिक पूरी तरह से रोक दिया जाता है. लेकिन कुछ राज्यों के सीएम इसे फॉलो नहीं करते क्योंकि, उनका मानना है कि आम लोगों को इस चीज से परेशानी होती है. जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी हाल ही में ऐसा ही फैसला लिया है.
हालांकि, काफिले को एस्कॉर्ट कर रही कार में मौजूद कमांडो ये जरुर सुनिश्चित करते हैं कि काफिले के करीब कोई भी कार-बाइक न आए. अब सवाल आता है कि अगर तमाम सुरक्षा उपायों के कोई गाड़ी काफिले में घुस जाती है तो क्या सजा मिलती है.
टक्कर हुई तो क्या मिलेगी सजा?
पुलिस के हाथ में सब कुछ होता है. सीएम की सुरक्षा की जिम्मा इनके पास ही होता है. पुलिस उस व्यक्ति को हिरासत में भी ले सकती है. अगर उससे सच में गलती हुई है तो पुलिस उसे बाद में छोड़ देती है. हालांकि, किसी ने जानबूझ कर ऐसा किया है तो उसके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है. अगर रैश ड्राइविंग से कोई व्यक्ति काफिले से टकराता है तो उसके खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई की जाती है. इसके अलावा, अगर सीएम को लगता है कि सामने वाला व्यक्ति का कोई कसूर नहीं है तो पुलिस उसे छोड़ देती है.