Lockdown: अगर आप सुरक्षित रहना चाहते हैं. आपको लगता है कि परिवार का भी ध्यान रखना है यही नहीं तो मौसम की मार से बचना है तो आपको अपने घर में आने वाले कुछ दिनों का राशन पहले से ही स्टोर करना होगा. क्योंकि गुजरात में मानसून कुछ ज्यादा ही मेहरबान नजर आ रहा है. यहां पर बीते कुछ दिनों से जोरदार बारिश और बाढ़ ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. हालात यह हैं कि कई जिलों में लोग घरों में कैद हो गए हैं. मगरमच्छ लोगों के घरों की छतों तक पहुंच गए हैं. यही नहीं कुदरत का यह कहर अभी थमा नहीं है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की मानें तो आने वाले एक हफ्ते यानी सात दिन तक मौसम का मिजाज ऐसा ही रहेगा. यही वजह है कि लॉकडाउन जैसे हालात बन जाएंगे और लोगों को जब तक जरूरी काम न हो घर से न निकलने की सलाह दी गई है.
रेड अलर्ट जारी
गुजरात में मौसम के बिगड़ते मिजाज के बीच आईएमडी ने अब तक की सबसे बड़ी चेतावनी भी जारी कर दी है. इस चेतावनी के चलते आने वाले सात दिन तक कई जिलों में रेड अलर्ट पर रखा गया है. यानी इन क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी बारिश के आसार बने हुए हैं.
Gujarat CM Bhupendra Patel reached Gandhinagar State Emergency Operation Center from Vadodara following the forecast of heavy rain and possible storms in the Kutch district. He reviewed the preparedness of the system against this natural calamity through video conference with the… pic.twitter.com/AIdnS5FNlu
— ANI (@ANI) August 29, 2024
अबतक 32 लोगों ने गंवाई जान
बता दें कि बीते चार दिन में 32 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. वहीं 32933 लोगों को अब तक सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा चुका है. मौसम विभाग ने 11 जिलों को लिए मूसलाधार बारिश का अलर्ट जारी किया है. ऐसे में मछुआरों को समुद्र तट से दूर रहने की सलाह दी गई है. दरअसल गुजरात पर एक चक्रवाती तूफान का खतरा भी मंडरा रहा है. यही वजह है कि लोगों को घरों में ही रहने को कहा गया है.
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सौराष्ट्र से लेकर कच्छ तक भारी बारिश
बीते कुछ दिनों से गुजरात के ज्यादातर जिले बाढ़ जैसे हालातों का सामना कर रहे हैं. सौराष्ट्र से लेकर कच्छ तक भारी बारिश ने लोगों की मुश्किलें बढ़ाई हुई हैं. जामनगर, पोरबंदर, द्वारका में भी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया जा चुका है. वहीं रिहायशी इलाके पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं. यहां पर बचाव और राहत कार्य तेजी से चल रहा है.
एसडीआरएफ औऱ एनडीआरएफ की 30 से ज्यादा टीम तैनात की गई हैं. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रदेश के हालातों पर सीधी नजर बनाए हुए हैं. उन्होंने हाल में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से भी खास बातचाती की और यहां के हालात की जानकारी ली.
बस स्टैंड डूबा, टोल प्लाजा भी नहीं दिख रहा
बारिश और बाढ़ से ये हालात हैं कि न तो बस स्टैंड कहीं दिख रहा है और न ही टोल प्लाजा दिखाई दे रहे हैं. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बारिश के बाद क्या हालात हो चुके हैं. वहीं सीएम ने भी हालातों को लेकर एक आपात बैठक बुलाकर आने वाले दिनों में किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए रणनीति बनाकर दिशा निर्देश जारी किए हैं.
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