भारत की रेलवे व्यवस्था दुनिया की चौथी सबसे बड़ी रेलवे व्यवस्था है. कहा जाता है कि ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप की जितनी कुल आबादी है, उतनी आबादी तो सिर्फ हर वक्त भारत की रेलगाड़ी में यात्रा करती है. रेलवे में दो तरह के लोग सफर करते हैं, पहला- आरक्षित और दूसरा अनारक्षित. अनारक्षित डिब्बे को ही जनरल डिब्बा कहा जाता है. अब जनरल डिब्बों में यात्रा करने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर आई है.
भारतीय रेलवे ने जनरल डिब्बों की संख्या बढ़ाने का फैसला किया है. इससे जनरल डिब्बों में सफर करने के लिए लोगों को धक्कामुक्की या फिर लटकना नहीं पड़ेगा. रेलवे का लक्ष्य है कि 370 नियमित ट्रेनों में नवंबर तक एक हजार से अधिक जनरल कोच जोड़े जाएं. जनरल डिब्बे में यात्रियों की सुविधा के चलते रेल मंत्रालय ने यह फैसला किया है. एक लाख से अधिक यात्रियों का सफर इस फैसले से सुगम हो जाएगा.
पूरे देश में बोगियों में जोड़ी जा रही हैं सीटें
बता दें, रेलवे पहले ही कई ट्रेनों में 583 सामान्य बोगियां लगा चुका है. रेलवे द्वारा जुलाई से अक्टूबर के बीच 583 नए जनरल कोचों का निर्माण किया गया है. 229 नियमित ट्रेनों में इन्हें जोड़ा गया है. रेलवे के नए फैसले से हजारों यात्रियों को बैठकर सफर करने का मौका मिल रहा है. बोगियों को जोड़ने की प्रक्रिया पूरे देश में जारी है. इस माह के अंत तक यह पूरे हो जाएंगे. हमने होली 2025 में भीड़ से निपटने के लिए योजना बना रखी है.
रेलवे बोर्ड का कहना है कि अगले दो साल में 10 हजार जनरल डिब्बे जोड़ने की योजना है. इससे आठ लाख यात्रियों को और सहुलियत मिलेगी. सभी बोगियां एलएचबी कोच की हैं.
यात्रियों को बैठने के लिए मिलेंगी सीटें
रेल यात्रियों को रेल मंत्रालय के इस फैसले से बहुत राहत मिली है. एक अंदाज से बोले तो ट्रेन में कम से कम चार जनरल कोच लगाए जाएंगे. नए कोच में बेहतर सुविधाएं होंगी. जनरल क्लास में नए कोचों के आने से सीटों की संख्या में वृद्धि हुई है. यात्रियों को बैठने के लिए सीट मिलने की संभावना बढ़ जाएगी.