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Train में सफर करने वालों की हुई बल्ले-बल्ले, सरकार ने लगभग Free कर दी यह सुविधा!

Indian Railways News: रेल से रोजाना करीब 2 करोड़ यात्री सफर करते हैं. करीब 10 फीसद यानी 20 लाख लोग रिजर्व कराकर यात्रा करते हैं. पीक सीजन में सफर करने वालों की संख्या कई गुना बढ़ जाती है. ऐसे में यात्रियों को राहत देने के लिए रेलवे ने योजना बनाई है.

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Mohit Sharma
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Indian Railways News

Train में सफर करने वालों की हुई बल्ले-बल्ले, सरकार ने लगभग Free कर दी यह सुविधा!

Indian Railways News:  जनरल से ट्रेन का सफर करने से पहले सबसे बड़ी परेशानी आती है टिकट कंफर्म ना हो पाना. क्या हो अगर रेल टिकट कंफर्म ना होने पर भी आप एसी में सफर कर पाएं. अब फेस्टिव सीजन भी आने वाला है और घर जाने वालों के लिए इससे बेहतर गुड न्यूज़ हो ही नहीं सकती. 120 दिन पहले बुकिंग शुरू होते ही वेटिंग चालू हो जाती है. ऐसे में परिवार के साथ ट्रेन में सफर करने में परेशानी होती है. मौजूदा समय में पूरे देश में 10000 से ज्यादा ट्रेनें चल रही हैं. इसमें शताब्दी राजधानी वंदे भारत जैसी प्रीमियम ट्रेनें भी शामिल हैं.

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रोजाना करीब 2 करोड़ यात्री सफर करते हैं

 इनसे रोजाना करीब 2 करोड़ यात्री सफर करते हैं. करीब 10 फीसद यानी 20 लाख लोग रिजर्व कराकर यात्रा करते हैं. पीक सीजन में सफर करने वालों की संख्या कई गुना बढ़ जाती है. ऐसे में यात्रियों को राहत देने के लिए रेलवे ने योजना बनाई है. इन रिजर्व कोचों में एसी लगाने में बाधा यात्रियों की संख्या को लेकर आ रही थी. मौजूदा सभी एसी कोचों में यात्रियों की संख्या को लेकर परेशानी आ रही थी. मौजूदा सभी एसी कोचों में यात्रियों की संख्या तय होती है. 72 कंफर्म टिकट वाले और कुछ वेटिंग वाले कोच सवार होते हैं. इस तरह 80 के आसपास यह संख्या होती है.

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रिजर्व कोच फुल होने पर यात्रियों की संख्या 250 के आसपास रहती है

अन रिजर्व कोच फुल होने पर यात्रियों की संख्या 250 के आसपास रहती है. इसलिए कोच और एसी की क्षमता का तालमेल बैठाना जरूरी है. रेलवे काफी समय से इस तरह के अन रिजर्व कोच बनाने की जद्दोजहद में लगा था. हाल ही में भुज से अहमदाबाद के बीच चली नमो भारत रैपिड रेल में इस तरह के डिजाइन वाले कोच तैयार किए गए हैं. रेलवे इंजीनियर्स के अनुसार अन रिजर्व कोच में यात्रियों की क्षमता तय नहीं होती है. इसलिए ज्यादा से ज्यादा 270 यात्रियों की क्षमता के अनुसार एक्सल लोड रखा गया है. वहीं 15-15 टन के एसी लगाए गए हैं, जिससे फुल क्षमता होने पर कोच पूरी तरह से ठंडा रहे.

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अन रिजर्व कोच में 15-15 टन के दो एसी एक कोच में लगाए जाएंगे

जिस तरह अभी मेट्रो का सफर होता है. रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक इस ट्रेन में ट्रायल किया जा रहा है. भविष्य में इसी कांसेप्ट पर अन रिजर्व कोच तैयार करा जाएंगे. अन रिजर्व कोचों में शताब्दी राजधानी की तुलना में दो गुना क्षमता वाले एसी लगाए जाएंगे. रेलवे के इंजीनियर्स के मुताबिक अभी शताब्दी राजधानी जैसी प्रीमियम ट्रेनों में आठ आठ टन के दो एसी प्रत्येक कोच में लगे हैं, लेकिन अन रिजर्व कोच में 15-15 टन के दो एसी एक कोच में लगाए जाएंगे, जिससे कोच पूरी तरह से ठंडा रहे.

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