ITR Filing Deadline: आज यानी 31 जुलाई आईटीआर भरने की आखिरी तारीख है. अगर आपने अभी तक आईटीआर नहीं भरा तो ये काम जल्द निपटा ले. जिन इंडीविजुअल टैक्स पेयर्स को ऑडिट की जरूरत नहीं है, उनके लिए फाइनेंशियल ईयर 2023-24 या असेसमेंट ईयर 2024-25 का रिटर्न भरने की डेडलाइन 31 जुलाई को खत्म हो रही है. अगर आप आज आईटीआर फाइल नहीं करते हैं तो आपको ₹5000 तक का फाइन और ब्याज भरना पड़ सकता है.
यह खबर भी पढ़ें- मौत से ऐन पहले क्या देता है दिखाई? मरकर जिंदा हुए शख्स ने किया चौंकाने वाला खुलासा
इसके साथ साथ आपके पास ओल्ड टैक्स का विकल्प चुनने का मौका नहीं रहेगा. इससे टैक्सपेयर सेक्शन 80 सी, 80 डी और एचआरए पर मिलने वाली छूट से वंचित रह जाएंगे. आपको बता दें कि कई करदाता और संस्थाएं आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख को आगे बढ़ाएं जाने की मांग कर रही है. उनका ऐसा कहना है कि ई फाइलिंग पोर्टल पर दिक्कतें आ रही हैं. हालांकि सरकार ने ये साफ कर दिया है कि इस बार आईटीआर फाइल करने की डेडलाइन बढ़ने वाली नहीं है. एक्सपर्ट्स के अनुसार इन्कम टैक्स एक्ट के तहत अगर आपने आईटीआर नहीं भरा या आप टैक्स नहीं देते हैं तो आपको जेल की हवा खानी पड़ सकती है.
यह खबर भी पढ़ें- घर में जमा कर लें 3-4 दिन का सामान, अब बाहर नहीं निकलने देगी बारिश...पढ़ें मौसम विभाग का Alert
कानून में साफ कहा गया है कि रिटर्न दाखिल नहीं करने, इन्कम छिपाने और फर्जी दावे करने पर जेल की सजा का प्रावधान है. अगर आपकी टैक्स देनदारी ₹25,000 से ज्यादा है तो आपको छह महीने से 7 साल तक की सजा हो सकती है. इसके साथ साथ जुर्माना भी देना पड़ सकता है. इसी तरह अगर आपकी टैक्स देनदारी ₹25,000 से कम है. तो आपको तीन महीने से 2 साल तक की कड़ी सजा हो सकती है. इसके साथ फाइन भी देना पड़ सकता है.
यह खबर भी पढ़ें- LPG Gas: सरकार ने दिया 'रक्षाबंधन का तोहफा', आधे किए गैस सिलेंडर के रेट
आपको बता दें कि अगर आप 31 जुलाई तक आईटीआर भरने में नाकाम रहते हैं तो आपको तगड़ा जुर्माना देना पड़ सकता है जो आपकी इन्कम पर ही निर्भर करता है. आईटी एक्ट की धारा 234 एफ के अंतर्गत अगर आपकी इन्कम ₹5,00,000 से ज्यादा है. तो आपको ₹5000 तक जुर्माना देना पड़ सकता है. इसी तरह अगर आपकी इन्कम ₹5,00,000 से कम है तो आपको ₹1000 जुर्माना देना होगा. आईटीएक्ट की धारा 234 ए के मुताबिक अगर आप पर टैक्स देनदारी बनती है तो आप समय पर इसका भुगतान नहीं करते हैं तो आपको हर महीने एक फ़ीसदी ब्याज देना होगा. इस साल से न्यू टैक्स को डिफ़ॉल्ट टैक्स बनाया गया है. इसलिए 31 जुलाई के बाद आपके पास ओल्ड टैक्स रिजीम चुनने और छूट का दावा करने का ऑप्शन नहीं होगा.