भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और रूस के प्रथम उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटूरोव ने आज नई दिल्ली में 25वें रूस-भारत अंतर-सरकारी व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग आयोग की बैठक की सह-अध्यक्षता की. पिछले पांच वर्षों में दोनों देशों के बीच व्यापार में पांच गुना से अधिक की वृद्धि हुई है और इस वर्ष के पहले आठ महीनों में यह व्यापार 9% बढ़ा है. इस बैठक में 2030 तक आर्थिक सहयोग विकास कार्यक्रम के तहत व्यापार संतुलन बनाए रखने और वस्तुओं के प्रकारों में विस्तार के लिए प्रतिबद्धता जताई गई.
मुक्त व्यापार समझौता (FTA) स्थापित करने की योजना
रूसी उप प्रधानमंत्री ने बताया कि दोनों देशों के बीच एक मुक्त व्यापार समझौता (FTA) स्थापित करने की योजना है. इसके साथ ही, सेवाओं और निवेश के लिए एक द्विपक्षीय समझौते पर भी विचार किया जा रहा है. उन्होंने रूस और भारत के बैंकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने पर जोर दिया. वर्तमान में, दोनों देशों के बीच लगभग 90% लेन-देन राष्ट्रीय और वैकल्पिक मुद्राओं में हो रहे हैं. डेनिस मंटूरोव ने परिवहन क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की महत्ता पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि हम दोनों देशों के बीच हवाई यातायात को बढ़ाने, नई उड़ानों को जोड़ने और भारतीय एयरलाइंस की उड़ानों को पुनः शुरू करने के लिए तत्पर हैं.
दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग को नई दिशा देने का मार्ग प्रशस्त करेगा
इस बैठक में ऊर्जा, इंजन निर्माण, माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स, रसायन, धातुकर्म, डिजिटल तकनीक, रेलवे इंजीनियरिंग, और अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया गया. इसके अलावा, उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच मानवीय सहयोग पर विचार-विमर्श हुआ. डेनिस मंटूरोव ने शैक्षिक प्रमाणपत्रों और अकादमिक डिग्री की आपसी मान्यता प्रक्रिया को सरल बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया. बैठक के समापन पर रूस के प्रथम उप प्रधानमंत्री और भारत के विदेश मंत्री ने 25वें रूसी-भारतीय आईजीसी सत्र के अंतिम प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए, जो दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग को नई दिशा देने का मार्ग प्रशस्त करेगा.