Kisan Samman Nidhi Scheme: किसान सम्मान निधि स्किम के तहत मिलने वाली राशि को लेकर इन दिन साइबर केस के मामले देखने को मिले हैं. एक कई केस आए हैं जिनमें किसान सम्मान निधि स्किम के नाम से मैसेज आता है जैसे ही लिंक पर क्लिक करते हैं तो अकाउंट से पैसा कट जाता है. ऐसे में किसानों को सावधान रहने की सख्त जरूरत हैं. आने वाले समय में किस्ते आने वाली है, ऐसे में साइबर हैकर्स के लिए अच्छा मौका है. इसी स्कैम से बचने के लिए यूपी के साइबर सिक्योरिटी एक्पर्ट ने कुछ जरूरी बातें बताई हैं.
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट राहुल मिश्रा बताते हैं कि हैकर्स आपका फोन तभी हैक कर सकते हैं, जब आप खुद से कोई गलती करें क्योंकि किसी भी फोन को हैक करने के लिए परमिशन की जरूरत होती है. इस परमिशन के कई तरह से यूजर के पास भेजा जाता है इसलिए यूजर को ध्यान रखने की जरूरत है.
हैकर्स अपनाते हैं ये सारे सोर्स, पहचान कर बच सकते हैं.
- हैकर्स आपके मोबाइल को हैक करने के लिए फेसबुक, वॉट्सऐप मैसेज या ई-मेल के जरिए एक लिंक भेजते हैं. लिंक पर क्लिक करते ही उन्हें परमिशन मिल जाती है. इसके अलावा फेस्टिवल सीजन में भारी डिस्काउंट, सरकारी योजना का लाभ या घर बैठे पैसे कमाने जैसे लालच में फंसाते हैं.
- इन फिशिंग वेबसाइट्स या ऐप को इस तरह डिजाइन किया जाता है. ये देखने में बिल्कुल असली लगती है. कई बार समझदार यूजर्स भी धोखा खा जाते हैं, लेकिन यह साइट्स फ्रॉड होती हैं और इन पर अपनी डिटेल डालते ही लोग इसका शिकार हो जाते हैं.
- इन नकली वेबसाइट या लिंक की पहचान करने के लिए एक्पर्ट बताते हैं कि किसी भी वेबसाइट पर अपनी जानकारी दर्ज करने से पहले जांच कर लें. हर जगह अपनी जानकारी न दें. अगर आपको वेबसाइट को लेकर कोई संदेह है तो गूगल के सिक्योर ब्राउजिंग पर जाकर फेक वेबसाइट की रिपोर्ट करें.
- फेक ऐप्स के जरिए स्कैमर्स स्मार्टफोन में मालवेयर इंस्टॉल कर देते हैं, जिससे यूजर का डेटा (पासवर्ड, ईमेल, फोन नंबर) चोरी कर लेते हैं. फिर इसका इस्तेमाल कर आपके पैसे कट जाते हैं.
- हैकिंग लिंक को पहचानने के लिए लिंक के आखिर में .apk, .exc, .pif, .shs, .vbs जैसे कीबर्ड लिखे होते हैं. अगर ऐसे शब्द आपको लिंक में दिखे तो उसे क्लिक न करें.
- इसके अलावा ऐनीडेस्क (AnyDesk), टीमव्यूअर (Teamviewer), एयरडॉप (Airdrop) जैसे ऐप्स कभी भी संदिग्ध लिंक के जरिए फोन या लैपटॉप में इस्टॉल न करें.
- अगर साइबर ठगी से आपके पैसे कट गए हैं तो उसे वापस पाने के लिए तुरंत नजदीकी साइबर सेल पुलिस से इसकी शिकायत करें. इसके अलावा राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल या 1930 पर इसकी शिकायत दर्ज कराएं. अगर शिकायत 30 मिनट के भीतर होगी तो पैसा रिफंड होने की संभावना रहती है. अगर साइबर ठग ने तब तक उन पैसों को ATM से नहीं निकाला है तो वह रिफंड हो सकता है. शिकायत में देरी करने से पैसे के रिफंड होने की उम्मीद न के बराबर है.
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