आपने अकसर देखा होगा कि सड़क पर कितना भी जाम लगा हो एंबुलेंस को रास्ता हमेशा दिया जाता है. क्योंकि एंबुलेंस मरीजों को लेने जाती है. एंबुलेंस को देख सभी गाड़ियां साइड हो जाती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उसमें मरीज होता है और हलकी सी भी लापरवाही से उस व्यक्ति की जान भी जा सकती है. जाम अधिकतर लोगों की लापरवाही के कारण ही लगता है.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर कोई जानबूझकर एंबुलेंस को रोकता है तो आपके लिए बड़ी मुसीबत खड़ी हो सकती है. चलिए, आज इसी के बारे में जानते हैं. अगर आप जानबूझकर एंबुलेंस को साइड नहीं देते हैं तो आपको क्या सजा मिलेगी. आपसे कितना जुर्माना वसूला जाएगा.
मानवीय आधार पर देनी चाहिए जगह
भारत में सड़क पर चलने के लिए भी कानून बनाए गए हैं. इस कानून को हर व्यक्ति को मानना होता है. वहीं कुछ चीजें ऐसी हैं, जिन्हें सड़क पर चलने वाले हर व्यक्ति को मानवीय आधार पर भी समझना चाहिए. अगर आप सड़क पर कोई एंबुलेंस देखें तो उसे अपने आप जगह दे देना चाहिए क्योंकि उसके अंदर मरीज होता है. अगर वक्त पर उनका इलाज नहीं किया गया तो उन्हें कुछ भी हो सकता है.
ऐसा करने पर होगी जेल
इसके अलावा, ऐसा भी हो सकता है कि वह किसी मरीज को लेने जा रही हो, जो जिंदगी और मौत से लड़ रही हो. मानवीय आधार पर हमें एंबुलेंस को जगह देनी होती है. हालांकि, संविधान में इसके लिए अलग से कानून भी बनाए गए हैं कि अगर आप जानकर एंबुलेंस का रास्ता रोकते हैं या उसे जगह नहीं देते तो आपको जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है.
यह है कानून
मोटर वाहन (संशोधित) अधिनियम 2019 की धारा 194 (ई) के तहत एंबुलेंस को जगह नहीं देना या फिर उसका रोकना एक क्रिमिनल ऑफेंस हैं. ऐसा करने पर आपको छह माह की जेल सुनाई जा सकती है. इसी के साथ आप पर 10 हजार का जुर्माना भी लग सकता है. ऐसा भी हो सकता है कि आपको दोनों ही सजा दे दी जाए.