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बड़ी खबर: इस ऐप पर मिलेगी महाकुंभ 2025 की सारी जानकारी, जानें कैसे?

प्रयागराज में 12 साल बाद महाकुंभ-2025 का आयोजन होने जा रहा है, जिसमें लाखों श्रद्धालु हिस्सा लेंगे. महाकुंभ के बारे में जानकारी पाने के लिए एक खास ऐप लॉन्च किया गया है, जिसके जरिए लोग आसानी से जानकारी हासिल कर सकते हैं. आइए जानते हैं इस ऐप के बारे में.

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Anurag Tiwari
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इस ऐप पर मिलेगी महाकुंभ 2025 की सारी जानकारी, जानें कैसे?

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प्रयागराज में 12 साल के बाद महाकुंभ-2025 का आयोजन होने जा रहा है. ये मौका सिर्फ उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश और विदेश के लोगों के लिए भी बहुत खास है. महाकुंभ एक बड़ा धार्मिक मेला है, जिसमें लाखों लोग भाग लेते हैं. इस बार लोग महाकुंभ के बारे में जानने के लिए बहुत उत्सुक हैं. वे गूगल पर इसकी तारीखें और जानकारी ढूंढ रहे हैं.

क्या है APP का नाम

अब लोगों को महाकुंभ की जानकारी पाने के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है. मेला प्राधिकरण ने एक एप लॉन्च किया है, जिसका नाम है 'महाकुंभ मेला 2025 एप'. यह एप गूगल प्ले स्टोर पर मिल जाएगा, और कोई भी इसे आसानी से डाउनलोड कर सकता है. इस एप की मदद से आप महाकुंभ से जुड़ी हर तरह की जानकारी हासिल कर सकते हैं.

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क्या जानकारी मिलेगी

इस एप पर आपको महाकुंभ  से जुड़ी हर तरह की जानकारी देख सकते हैं .जैसे कि मेला कब होगा, कहां होगा, और इसके क्या-क्या महत्व हैं. इसके अलावा, यहां पर महाकुंभ और कुंभ पर लिखी गई किताबें और ब्लॉग भी मिलेंगे, जो आपको महाकुंभ की परंपराओं और इसकी खासियतों के बारे में बताएंगे. प्रयागराज को भारत के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है, और यहां हर साल माघ मेला, हर छह साल में कुंभ मेला, और हर बारह साल में महाकुंभ मेला लगता है.

एप में एक ब्लॉग सेक्शन भी है, जहां पर आईआईएम जैसी बड़ी संस्थानों की रिपोर्ट्स भी शामिल हैं. इसमें यूपी टूरिज्म द्वारा पेश किया गया 'एक्सप्लोर प्रयागराज' भी है, जिसमें इस शहर की आध्यात्मिकता और आधुनिकता (Spirituality and modernit) के बारे में बताया गया है. 

महाकुंभ शाही स्नान का महत्व

महाकुंभ 2025 की शुरुआत 29 जनवरी से होगी. पहला शाही स्नान 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन होगा. इसके बाद 29 जनवरी को मौनी अमावस्या, 3 फरवरी को बसंत पंचमी, 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा, 13 फरवरी को पौष पूर्णिमा, और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि का स्नान होगा.

इस मेले में शामिल होने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं. यह केवल स्नान करने का नहीं, बल्कि धर्म और आस्था का भी बहुत बड़ा आयोजन है. 

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