राजस्थान सरकार ने सामाजिक समानता को बढ़ावा देने और जातिवाद के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. राज्य सरकार ने अंतर्जातीय यानी इंटर कास्ट मैरिज करने वाले जोड़ों को अब 10 लाख रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की है. यह राशि सामाजिक एकता को बढ़ावा देने और जाति आधारित भेदभाव को समाप्त करने के उद्देश्य से प्रदान की जाती है.
क्या है इस योजना का लक्ष्य, किन्हें मिलता है फायदा
राजस्थान सरकार की यह पहल, डॉक्टर सविता बेन अम्बेडकर अंतर्जातीय संशोधित विवाह योजना के तहत आती है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य विभिन्न जातियों के लोगों के बीच शादी करने को प्रोत्साहित करना है. इस तरह की शादियों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने प्रोत्साहन राशि को पहले की 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया है. यह राशि अंतर्जातीय विवाह करने वाले दंपत्तियों को सामाजिक समानता और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने में सहायक होगी.
योजना की विशेषताएं
1. प्रोत्साहन राशि: इस योजना के तहत, दंपत्ति को 10 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है. इसमें से पहले 5 लाख रुपये 8 साल के फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में रखे जाते हैं, जबकि बाकी के 5 लाख रुपये दोनों के जॉइंट बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किए जाते हैं. यह व्यवस्था दंपत्ति को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है और उनके भविष्य को सुदृढ़ बनाने में सहायक होती है.
2. प्रारंभिक राशि की सुरक्षा: फिक्स्ड डिपॉजिट में रखे गए 5 लाख रुपये को 8 वर्षों तक तक नहीं निकाला जा सकता है, जिससे दंपत्ति के पास एक दीर्घकालिक निवेश होता है जो उनकी भविष्य की आर्थिक सुरक्षा को सुनिश्चित करता है.
3. वेतन सुरक्षित: जॉइंट बैंक अकाउंट में ट्रांसफर की गई राशि तुरंत उपलब्ध होती है और दंपत्ति इसके माध्यम से अपनी तत्काल जरूरतों और निवेश की योजना बना सकते हैं.
आवेदन प्रक्रिया
अंतर्जातीय विवाह योजना के लाभ के लिए दंपत्ति को कुछ निर्धारित शर्तों और प्रक्रियाओं का पालन करना होता है. इसके लिए उन्हें योजना के अंतर्गत आवेदन करना होता है, और संबंधित दस्तावेज जैसे विवाह प्रमाणपत्र और जाति प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होता है.आवेदन प्रक्रिया के लिए अधिक जानकारी और सहायता के लिए, स्थानीय सरकारी कार्यालय या संबंधित विभाग से संपर्क किया जा सकता है.