मोदी सरकार ने बुजुर्गों के लिए बड़ा तोहफा दिया है. केंद्र सरकार ने आयुष्मान योजना के तहत 70 प्लस आयु के वरिष्ठ नागरिकों को इस दायरे में शामिल कर लिया है. अभी तक बुजुर्गों को इस दायरे में नहीं रखा गया था, लेकिन बुधवार (11 सितंबर) को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया गया कि अब 70 साल से ऊपर के बुजुर्गों को भी इस योजना का लाभ दिया जाएगा. बैठक खत्म होने के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि अब 70+ आयु के वरिष्ट नागरिकों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिलेगा. बुजुर्गों को भी 5 लाख तक का मुफ्त इलाज की सुविधा दी जाएगी. केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगी है. बता दें कि बजट सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त इलाज का लाभ 70 वर्ष से अधिक उम्र के सभी बुजुर्गों को भी देने का ऐलान किया था. राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद केंद्र सरकार ने इस पर मुहर लगा दी है. इससे करोड़ों बुजुर्गों को इस योजना का फायदा मिलेगा.
इससे 4.5 करोड़ परिवारों के 6 करोड़ बुजुर्गों को इस स्कीम का फायदा मिलेगा. हालांकि, सरकार पर इसका बड़ा बोझ भी बढ़ेगा. सरकार को 3447 करोड़ रुपये हर साल खर्च होंगे. वहीं, 70 साल से कम उम्र वाले 55 लाख पात्रों को आयुष्मान भारत योजना के तहत निःशुल्क इलाज मुहैया कराया जा रहा है, लेकिन अब 70 साल से अधिक उम्र वाले बुजुर्गों को शामिल कर सरकार ने बड़ी सौगात दी है.
बीजेपी ने अपने मेनिफेस्टो में किया था वादा
लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अपने मेनिफेस्टो में वादा किया था कि अगर तीसरी बार मोदी सरकार बनती है तो 70 प्लस बुजुर्गों को भी 5 लाख रुपये का मुफ्त इलाज मुहैया कराया जाएगा. सरकार ने अपने वादे को पूरा करते हुए इसपर मुहर लगा दी है. वर्तमान में आयुष्मान भारत योजना के तहत पात्र परिवारों को सालाना 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलता है.
2017 में केंद्र सरकार ने शुरू की थी योजना
केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत 2017 में की थी. राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के तहत केंद्र सरकार ने यह योजना लॉन्च की थी. सरकार की इस योजना का लाभ देश के सभी जिलों में लागू की गई है. करीब 700 जिलों में इस योजना का लाभ लोगों को मिल रहा है. हालांकि, पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों ने इस योजना को मानने से इनकार कर दिया था.
देश के निजी और सरकारी अस्पतालों में फ्री इलाज
देश के निजी और सरकारी अस्पतालों में इस योजना के तहत इलाज कराया जा सकता है. देश के चिह्नित सरकारी और निजी अस्पतालों में इस योजना के तहत इलाज उपलब्ध कराया जाता है. इस योजना के तहत मरीजों के भर्ती होने के 10 दिन पहले और बाद भी इलाज का खर्च सरकार की ओर से दिया जाता है.