अब भ्रष्ट और आलसी अधिकारियों-कर्मचारियों की खैर नहीं होगी क्योंकि मोदी सरकार ऐसे अधिकारियों की पहचान करके उन्हें जबरन रिटायर करेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्रियों और सचिवों को निर्देश दिए है कि वे मंत्रालय के कामकाज में पारदर्शिता लाने के लिए मिशन मोड में काम करें. प्रधानमंत्री ने मंत्रिपरिषद की बैठक में यह निर्देश दिए हैं. पीएम मोदी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान तेज कर दिया है.
काम करने वाली सरकार जनता पुरस्कृत करती है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय सिविल सेवा (सीसीएस) नियमों का हवाला दिया और केंद्रीय सचिवों को निर्देश दिया कि वे कर्मचारियों का मूल्यांकन करें और उनके खिलाफ शिकायत मिलने पर कार्रवाई करें. पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि ईमानदार और काम करने वाली सरकारों को जनता पुरस्कृत करती है. पीएम मोदी ने जनशिकायतों के त्वरित समाधान और बेहतर शासन पर जोर दिया.
लोगों के जीवन को आसान बनाने के लिए काम करें
पीएम मोदी ने अधिकारियों और मंत्रियों को निर्देश दिए कि वे सुनिश्चित करें कि फाइलें एक मेज से दूसरे मेज पर न जाएं, बल्कि उनका त्वारित सामाधान निकाला जाए. पीएम ने अधिकारियों से कहा कि सप्ताह में एक दिन शिकायतों के समाधान और राज्य मंत्रियों की प्रगति की निगरानी के लिए समर्पित करें. पीएम ने कहा- मंत्रालयों में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों को लोगों के जीवन को आसान बनाने की ओर काम करना चाहिए. शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए.
10 साल में पीएमओ को मिले 4.5 करोड़ पत्र
मोदी ने कहा कि जो अधिकारी और कर्मचारी आलसी और भ्रष्ट पाए जाते हैं, उन्हें सेवा से हटा दिया जाना चाहिए. सूत्रों ने बताया कि मोदी सरकार के पिछले 10 वर्षों में पीएमओ को 4.5 करोड़ पत्र मिले हैं, जिनमें अधिकतर शिकायतें हैं. वहीं, मनमोहन सिंह के दूसरे कार्यकाल में सिर्फ पांच लाख पत्र ही पीएमओ को मिले थे. पीएम मोदी ने कहा कि कुल पत्रों के 40 प्रतिशत मामले केंद्र सरकार के विभागों और एजेंसियों से संबंधित हैं. वहीं, 60 प्रतिशत पत्र विभिन्न राज्यों से जुड़ी हुई है.