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CTC और इन-हैंड सैलरी में अंतर, जानें कैसे कैलकुलेट होती है आपकी सैलरी

Salary Calculator: सैलरी को समझना मुश्किल हो सकता है, खासकर जब बात CTC और इन-हैंड सैलरी की आती है. इस आर्टिकल में जानें कि CTC और इन-हैंड सैलरी में क्या अंतर है और कैसे कैलकुलेट की जाती है आपकी सैलरी!.

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Anurag Tiwari
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Salary Calculator

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Salary Calculator: जब भी आप एक नई नौकरी ज्वाइन करते हैं या ज्वाइन करने वाले होते हैं, तो सबसे महत्वपूर्ण काम होता है अपनी सैलरी की कैलकुलेशन को समझना. यह जानना जरूरी है कि आपकी बेसिक सैलरी (Basic Salary) कितनी होगी, मंथली CTC (Cost to Company) क्या है, इन-हैंड सैलरी (In-Hand Salary) कितनी होगी, और टैक्स व अन्य कटौतियों के बाद आपके पास कितनी सैलरी आएगी. यहां हम आपको बताएंगे कि CTC और इन-हैंड सैलरी में क्या अंतर होता है और नेट सैलरी और ग्रॉस सैलरी (Gross Salary) को कैसे कैलकुलेट किया जाता है.

CTC क्या होती है?

CTC यानी Cost to Company, वह रकम होती है जो कंपनी अपने किसी कर्मचारी पर सालाना खर्च करती है. इसमें बेसिक सैलरी, ग्रॉस सैलरी, प्रोविडेंट फंड, ग्रेच्युटी, और अन्य सुविधाएं शामिल होती हैं जो कंपनी कर्मचारी को देती है. इसे सालाना आधार पर तय किया जाता है, इसलिए इसे एनुअल पैकेज (Annual Package) भी कहा जाता है. 

इन-हैंड सैलरी (In-Hand Salary) क्या होती है?

नेट सैलरी या इन-हैंड सैलरी वह सैलरी होती है जो कर्मचारी को कंपनी की ओर से सभी प्रकार की कटौतियां (जैसे टैक्स, प्रोविडेंट फंड, इंश्योरेंस आदि) करने के बाद हर महीने मिलती है. इसे टेक-होम सैलरी (Take-Home Salary) भी कहा जाता है.

CTC और इन-हैंड सैलरी में अंतर:

CTC: इसमें कंपनी द्वारा कर्मचारी पर कुल खर्च शामिल होता है, जैसे बेसिक सैलरी, PF, इंश्योरेंस, ग्रेच्युटी आदि.  
इन-हैंड सैलरी: यह वह रकम होती है जो सभी कटौतियों के बाद कर्मचारी के अकाउंट में ट्रांसफर होती है.

ग्रॉस सैलरी (Gross Salary) और नेट सैलरी (Net Salary) में अंतर

ग्रॉस सैलरी, CTC से कम होती है क्योंकि इसमें से EPF (Employees Provident Fund) और ग्रेच्युटी जैसी राशि घटा दी जाती है.  
नेट सैलरी = ग्रॉस सैलरी – टैक्सेबल इनकम
नेट सैलरी आपकी ग्रॉस सैलरी में से टैक्स और अन्य कटौतियों को घटाने के बाद बचती है.

सैलरी कैलकुलेशन के लिए जरूरी स्टेप्स


1. सालाना CTC दर्ज करें: अपनी नेट सैलरी निकालने के लिए सबसे पहले आपको अपनी सालाना CTC डालनी होगी.
2बोनस और अन्य वेरिएबल्स जोड़ें: इसके बाद सालाना बोनस आदि को जोड़ें.
3. बेसिक सैलरी दर्ज करें: अपनी बेसिक सैलरी दर्ज करें, जो CTC का हिस्सा होती है.
4. कटौतियों का हिसाब लगाएं: अब EPF, ग्रेच्युटी, HRA आदि जैसी कटौतियों की जानकारी दर्ज करें.
5. नेट सैलरी की कैलकुलेशन करें: इन सभी जानकारियों के आधार पर आप अपनी नेट सैलरी का अनुमान लगा सकते हैं.

कैसे करें नेट सैलरी की कैलकुलेशन?


नेट सैलरी निकालने के लिए आपको पहले अपनी ग्रॉस सैलरी पता होनी चाहिए. फिर टैक्स और दूसरी कटौतियों को घटाकर नेट सैलरी निकाली जाती है.  
ग्रॉस सैलरी = CTC – EPF – ग्रेच्युटी
इस फॉर्मूले से आप अपनी ग्रॉस सैलरी का हिसाब लगा सकते हैं. फिर नेट सैलरी कैलकुलेट करने के लिए ऊपर दिए गए फॉर्मूले का इस्तेमाल करें.

Salary Calculator का उपयोग करें

आप अपनी इन-हैंड सैलरी निकालने के लिए ऑनलाइन Salary Calculator या Take Home Salary Calculator का उपयोग कर सकते हैं. 


अपनी सैलरी को सही तरीके से कैलकुलेट करना बहुत जरूरी है ताकि आपको यह स्पष्ट हो सके कि कंपनी द्वारा दी जाने वाली CTC और आपको मिलने वाली इन-हैंड सैलरी में कितना अंतर है. इससे न सिर्फ आपकी फाइनेंसियल प्लानिंग बेहतर होगी, बल्कि नौकरी की असली कीमत का भी सही आकलन हो पाएगा. 

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