New UPI Scam Alert: देश में आजकल डिजिटल पेमेंट की चलन अधिक है. लोग कैश और कार्ड से पेमेंट करने के बजाए डिजिटल पेमेंट पर अधिक भरोसा कर रहे हैं. खासकर 2016 के बाद तो डिजिटल पेमेंट करने वालों की संख्या कई गुना बढ़ गई है. ऐसे में बढ़ते डिजिटल पेमेंट के साथ ही इससे जुड़ी फ्रॉड की घटनाएं भी तेजी से बढ़ने लगी हैं. फ्रॉड करने वाले जालसाज हर रोज लोगों को चूना लगने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं. स्कैमर्स ने अब ऑटो पे के जरिए धोखाधड़ी शुरू कर दी है. आम लोगों को पता भी नहीं चलता और धोखेबाज उनके खाते को खाली कर देते हैं. आखिर कैसे होती है ये धोखाधड़ी और कैसे लोगों को जाल में फंसाते हैं धोखेबाज और क्या है इससे बचने के सटीक उपाय, आइए जानते हैं.
ऑटो पे स्कैम के जरिए स्कैमर्स लोगों को अपनी जाल में आसानी से फंसा लेते हैं. इससे आम लोग बिलकुल ही अनजान है. उन्हें नहीं पता होता कि उनके साथ ये स्कैम कैसे हो गया. बड़ी शातिर तरीके से जालसाज लोगों को अपनी गिरफ्त में लेता है. सबसे पहले स्कैमर्स यूपीआई यूजर को एक ऑटो पे रिक्वेस्ट भेजता है. जालसाज किसी कंपनी के सब्सक्रिप्शन के लिए रिक्वेस्ट भेजता है, लेकिन जो रिक्वेस्ट भेजा है वह किसी कंपनी की ओऱ से नहीं बल्कि उसके द्वारा बनाया गया रिक्वेस्ट है. ऐसे में यूजर को लगता है कि रिक्वेस्ट कंपनी की ओर से आया है और वह इसे एक्स्पेट कर लेता है. जैसे ही यूजर अनुरोध स्वीकार करता है उसके खाते से पूरा का पूरा पैसा उड़ जाता है. थोड़ी देर में यूजर के खाते में जीरो रुपये बैलेंस शो करने लगता है. फिर यूजर परेशान होता है और बैंक को फोन लगाकर अपनी शिकायत करता है, लेकिन बैंक की ओर से कहा जाता है कि आपने जो रिक्वेस्ट स्वीकार किया है वह फर्जी थी. आपको इस तरह के अनुरोध को इग्नोर करना चाहिए था.
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सही रिक्वेस्ट की कैसे करें पहचान
सवाल उठता है कि फर्जी और सही रिक्वेस्ट की पहचान कैसे किया जाए. फर्जीवाड़े से बचने के लिए सही और फर्जी रिक्वेस्ट के बीच के फर्क को समझना जरूरी है. इसके जरिए आप अपने आपको इस तरह की फ्रॉड की घटनाओं से बचा सकते हैं. दरअसल, आज के समय में लोग अपने मोबाइल नंबर को ई-शॉपिंग, रेस्तरां, मॉल, पार्किंग आदि के लिए आसानी से दे देते हैं. ऐसे में इस तरह के घोटालेबाज लोग इसका फायदा उठाते हैं. वे लोगों की यूपीआई आईडी को क्रैक कर फर्जीवाड़ा करते हैं.
सीधे बैंक अकाउंट से नहीं जोड़े यूपीआई
इससे बचने के लिए आप अपनी यूपीआई आईडी को सीधे बैंक खाते से जोड़ने से बचें. इसके बाजाय आप कोशिश करें कि वॉलेट में पैसे रखें और इसके जरिए ही पेमेंट करने की कोशिश करें. अगर यूपीआई को आपने बैंक अकाउंट से जोड़ दिया तो आपको स्कैमर्स कभी भी चपेटे में ले सकता है. इसलिए यूपीआई को कभी भी मेन अकाउंट से नहीं जोड़े. अगर आपको यूपीआई से अकाउंट को जोड़ना ही है तो वैसे अकाउंट से जोड़े जिसमें आपके पैसे ज्यादा नहीं हो. कम पैसे वाले अकाउंट से आप जोड़ सकते हैं. तब जाकर आप इन जालसाजों से सुरक्षित रह सकते हैं.