नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) में निवेश करने वालों को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़ी खुशखबरी दी है. बजट में 18 लाख केंद्रीय कर्मचारियों के लिए कई बड़ी राहत दी गई है. पहला एनपीएस से 60 फीसदी धन निकासी पर आयकर (इनकम टैक्स) नहीं लगेगा. यह योजना वित्तीय वर्ष 2020-21 से लागू होगी.
इसमें से कुछ बदलाव सातवें वेतन आयोग(7th Pay Commission) की सिफारिशों पर आधारित हैं. एनपीएस के प्रथम श्रेणी के खाते रिटायरमेंट अकाउंट हैं. जबकि द्वितीय श्रेणी के खाते वैकल्पिक हैं और इसमें धन निकासी आसानी से किया जा सकता है. 7वें वेतन आयोग वेतन प्रणाली के अनुसार अपना वेतन निकालने वाले सरकारी कर्मचारियों को लाभ मिलेगा.
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केंद्र सरकार के अलावा कई राज्यों ने नई पेंशन योजना को अपनाया है. बजट में नए प्रस्ताव से कर्मचारियों को और लाभ मिलने वाला है. प्रस्ताव के अनुसार रिटायरमेंट के समय केंद्रीय कर्मचारियों को एनपीएस खाते से 60 प्रतिशत राशि की निकासी पर कोई कर नहीं देना होगा. जबकि, मौजूदा व्यवस्था में केवल 40 प्रतिशत राशि ही कर-मुक्त है.
प्रस्तावों के तहत पहली श्रेणी के एनपीएस खाते में कर्मचारियों का अंशदान 10 से बढ़ाकर 14 फीसदी कर दिया है. वहीं तीन साल में लॉक इन पीरियड के साथ द्वितीय श्रेणी के खाते में भी कर लाभ बढ़ाया जाएगा. धन की निकासी भी आसान होगी.
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वहीं, द्वितीय श्रेणी के खातों में भी निवेश करने वालों को भी धारा 80सीसीडी(2) के तहत 1.50 लाख तक छूट का लाभ मिलेगा. लेकिन शर्त होगी वो कम से कम तीन साल पैसा न निकाला जाए.
एनपीएस में दो प्रकार के खाते हैं. टियर 1(प्रथम श्रेणी) और टियर 2 (द्वितीय श्रेणी). एनपीएस टियर -1 खाता एक सेवानिवृत्ति खाता है, जो अनिवार्य है, जबकि टियर -2 खाता एक वैकल्पिक खाता है जिसमें निकासी की सुविधा है.
HIGHLIGHTS
- बजट में नेशनल पेंशन सिस्टम किया गया बड़ा बदलाव
- 60 फीसदी धन निकासी पर आयकर नहीं
- यह योजना वित्तीय वर्ष 2020-21 से लागू होगी