टेलीकॉम कंपनी (Telecom company) भारत संचार निगम लिमिटेड यानी बीएसएनएल (BSNL) के विनिवेश को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. सरकार बीएसएनएल के डिसइनवेस्टमेंट को लेकर कुछ सोच समज नहीं रही है. जानकारों के मुताबिक संचार मंत्रालय (Ministry of Communications) ने लोकसभा में कहा कि सरकार के स्वामित्व वाली टेलीकॉम कंपनी BSNL के विनिवेश (disinvestment) की कोई योजना नहीं है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लोकसभा में डीएमके सांसद डीएम कथिर आनंद ने सवाल किया कि क्या बीएसएनएल के विनिवेश के लिए कंपनी की संपत्ति को ध्यान में रखा जाएगा तो संचार राज्य मंत्री देवुसिंह चौहान ने जवाब दिया, "बीएसएनएल के विनिवेश के लिए अभी कोई योजना नहीं है."सरकार से भवन, जमीन, टावर और दूरसंचार उपकरण समेत देश में बीएसएनएल की अचल संपत्तियों का पूरा डाटा मांगा गया.
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नुकसान में कंपनी
जानकारों के मुताबिक बीएसएनएल का घाटा 2018-19 में दोगुना होकर 2017-18 से लगभग 15,000 करोड़ रुपये हो गया. 2017-18 में इसने 7,993 करोड़ रुपये और 2016-17 में 4,793 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया. कंपनी को 2019-20 में 15,499.58 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. बीएसएनएल के एक अधिकारी ने कहा, "मुख्य रूप से 78,569 कर्मचारियों द्वारा स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के कारण कर्मचारियों के वेतन में कमी के कारण नुकसान हुआ है.
इतने करोड़ों का है क़र्ज़
पिछले साल 2021 के दौरान बीएसएनएल की कुल संपत्ति घटकर 51,686.8 करोड़ रुपये रह गई, जो पिछले वर्ष 59,139.82 करोड़ रुपये थी. कंपनी का बकाया कर्ज वित्त वर्ष 2020-21 में बढ़कर 27,033.6 करोड़ रुपये हो गया.
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Source : News Nation Bureau