देश में रोजाना हजारों ऐसे शव होते हैं जिनकी शिनाख्त नहीं हो पाती. पुलिस की जिम्मेदारी होती है उनका अंतिम संस्कार करना. आइये जानते हैं आखिर क्या करती है ऐसे शवों का पुलिस? लवारिस लाशों से जुड़ी पुलिस की क्रियाएं एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील क्षेत्र को छूने में मदद कर सकती हैं. जब कोई व्यक्ति अनजाने में मर जाता है और उसकी पहचान संभावना नहीं होती, उसे 'लवारिस लाश' कहा जाता है. पुलिस इस स्थिति का समाधान करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाती है.
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कैसे होता है प्रोसेस
पुलिस स्थानीय थाने में पहुंचकर लवारिस लाश की पहली जाँच करती है और आवश्यकता होने पर मैडिकल परीक्षण के लिए बुलाती है. इसके बाद, एक आधिकारिक रिपोर्ट तैयार की जाती है जिसमें लाश की स्थिति, नाम, उम्र, और अन्य विवरण होते हैं.यदि लवारिस लाश को पहचाना नहीं जा सकता है, तो पुलिस आइडेंटिफिकेशन की कोशिश करती है. इसके लिए उसकी छवियों को सार्वजनिक करके लोगों से सहायता मांगी जाती है ताकि कोई उसे पहचान सके.
हो सके आगे की कार्रवाई
लवारिस लाश को ध्यानपूर्वक और सम्मानपूर्वक इंशांत किया जाता है। इसके बाद, उसका शव सुरक्षित स्थान पर स्थित किया जाता है ताकि आगे की कार्रवाई हो सके.लवारिस लाश से जुड़े मामले की जाँच करती है ताकि मौत के पीछे का कारण पता लग सके और इसकी जानकारी प्राप्त की जा सके.आगे की प्रक्रिया के लिए एक तहकीकाती रिपोर्ट तैयार की जाती है जिसमें मौत के पीछे का सच,अगर कोई अपराध हुआ हो, और अन्य विवरण शामिल होते हैं.
क्या कुछ होगा बदलाव
लवारिस लाशों के मामले को उच्च दृष्टिकोण से देखते हुए पुलिस इसे समाप्त करने का प्रयास करती है ताकि मृत्यु के पीछे के विवादों का समाधान हो सके और पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके. हालांकि बताया जा रहा है कि अब लावारिस लाशों के अंतिम संस्कार के बजट को बढ़ाने के लिए बात चल रही है. हालांकि अभी कुछ आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है. आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही कुछ जिलों के प्रशासन विभाग ने बजट में इजाफा करने के लिए कहा था.
HIGHLIGHTS
- देश में हजारों ऐसे शव होते हैं जिनकी शिनाख्त तक नहीं पाती
- लावारिस शवों के लिए कितना होता है जिलेवार बजट
- शुरुआत से लेकर अंतिम संस्कार तक होती क्या होता है प्रोसेस
Source : News Nation Bureau