पिछले कुछ वर्षों में डिजिटल धोखाधड़ी (Digital Fraud) के बढ़ते मामलों को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India-RBI) ने लोगों से OTP और CVV जैसी गोपनीय बैंकिंग जानकारियों को किसी के साथ भी साझा नहीं करने के लिए अलर्ट जारी किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रिजर्व बैंक का कहना है कि आम लोगों की मेहनत से कमाए पैसे को उड़ाने के लिए धोखेबाज नए-नए तरीके को आजमा रहे हैं. आरबीआई का कहना है कि लोगों को इसको लेकर खासी सतर्कता बरतने की जरूरत है. आरबीआई का कहना है कि नए लोग लेनदेन के दौरान जालसाजी की गिरफ्त में जल्दी आ जाते हैं.
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RBI ने जालसाजी से बचाव के तरीके सुझाए
रिजर्व बैंक की ओर से जारी पुस्तिका में वित्तीय धोखाधड़ी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले तौर-तरीकों का ब्यौरा देने के साथ ही उनसे बचाव के तरीके भी सुझाए गए हैं. आरबीआई के मुताबिक लोगों को वित्तीय लेनदेन के दौरान ओटीपी और सीवीवी कीजानकारी किसी के साथ साझा नहीं करना चाहिए.
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आरबीआई का कहना है कि जालसाजी से बचाव के लिए जरूरी है कि लोगों को अपने परिवार के सदस्यों या दोस्तों तक से भी बैंक कार्ड की सीवीवी या डिजिटल ट्रांजैक्शन के समय जारी होने वाली ओटीपी को साझा करने से बचें. रिजर्व बैंक के मुताबिक बैंक अधिकारियों, वित्तीय संस्थान, रिजर्व बैंक या किसी दूसरे निकाय से ग्राहकों से गोपनीय जानकारियों को नहीं मांगा जाता है. ऐसे में अगर कोई ऐसा करता है तो आपको तुरंत सतर्क हो जाना चाहिए.
HIGHLIGHTS
- ओटीपी और सीवीवी की जानकारी किसी के साथ साझा नहीं करना चाहिए
- परिवार के सदस्यों या दोस्तों तक से भी गोपनीय जानकारी साझा नहीं करें