अगर आपका इस बैंक में पैसा है तो अलर्ट होने की जरूरत है. क्योंकि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank Of India) ने को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है. इसके पीछे की वजह बताते हुए केंद्रीय बैंक (Central bank)ने कहा कि इस बैंक के पास पर्याप्त धन नहीं होने के कारण इसके निकासी और जमा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI)ने बुधवार को लाइसेंस रद्द करने की घोषणा करते हुए कहा कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं. इस बैंक में जिसका भी पैसा है उसे अपना पैसा निकालने के लिए अब नाकों चने चबाने होंगे. हालाकि रिजर्व बैंक (RBI) इसको लेकर कुछ रियायत भी ग्राहकों को देने की संभावना है.
यह भी पढ़ें : 1 जुलाई से बैन हो जाएगा सिंगल यूज प्लास्टिक, Amul सहित कई कंपनियों ने मांगी PMO से राहत
आपको बता दें कि रिज़र्व बैंक ने बुधवार को द मुधोल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, बागलकोट ( कर्नाटक ) का लाइसेंस रद्द कर दिया है. इसके ‘बैंकिंग’ व्यवसाय करने से भी प्रतिबंधित कर दिया गया है, जिसमें सुविधाओं के अलावा, जमा की स्वीकृति और जमा राशि के भुगतान को रोक दिया गया है. आरबीआई ने यह भी कहा कि बैंक अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति के साथ अपने वर्तमान जमाकर्ताओं को पूरा भुगतान करने में असमर्थ होगा. बैंक के लिए जारी की गई गाइडलाइन के अनुसार आरबीआई ने कहा कि 99 प्रतिशत से अधिक जमाकर्ता जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (DICGC) से अपनी जमा राशि की पूरी राशि पाने के हकदार होंगे. इस दौरान हर जमाकर्ता DICGC से 5 लाख रुपए तक की जमा बीमा दावा राशि लेने के हकदार होंगे.
आरबीआई की गाइडलाइन के मुताबिक (DICGC) की शुरुआत वर्ष 1978 में हुई थी. यह भारत में बैंकों के लिये जमा बीमा और कर्ज गारंटी के रूप में कार्य करता है. यह भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा संचालित और पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है. यह बैंक के डूबने पर प्रत्येक जमाकर्ताओं को 5 लाख तक की बीमा राशि का भुगतान करती है. हालाकि बैंक में जमा पैसों को लेकर आरबीआई ने कहा है कि ग्राहकों को परेशान होने की जरूरत नहीं है. कुछ न कुछ रास्ता निकाला जाएगा. ताकि ग्राहकों को उनका पैसा मिल सके.
Source : News Nation Bureau