अगर आप भी नया वाहन खरीदना चाहते हैं तो थोड़ा ठहर जाइये. क्योंकि सड़क एवं परिवहन मंत्रालय (ministry of road and transport)ने अब सिर्फ एयरबैग्स (airbags) ही नहीं, बल्कि कारों, ट्रकों और बसों में लगने वाले टायर्स के रोलिंग रेजिस्टेंस, वेट ग्रिल और रोलिंग साउंड एमिशन सुधार को अनिवार्य करने का फैसला लिया है. यही नहीं सुविधा को शुरु करने को लेकर बाकायदा विभागीय नोटिफिकेशन जारी किया है. आपको बता दें कि ये स्टैंडर्ड अक्टूबर से लागू कर दिए जाएंगे और ये जानकारी एक सरकारी बयान में सामने आई है. इस अधिसूचना में कहा गया है कि क्लास 1 यानी पैसेंजर वाहन, क्लास 2 यानी हल्के ट्रक और क्लास 3 यानी ट्रक्स और बस के अंदर आने वाले टायर्स को ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड्स (Automotive Industry Standards)के हिसाब से तैयार किया जाएगा. ताकि यात्रियों की सुरक्षा और बढ़ाई जा सके. आपको बता दें कि इसके पीछे सरकार उद्देश्य हर साल होने वाले सड़क हादसों में कमी लाना होगा.
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जानकारी के मुताबिक, मंत्रालय के नोटिफिकेशन में सभी मौजूदा टायर डिजाइन्स को वेट ग्रिप और रोलिंग रेजिस्टेंस स्टैंडर्ड पर खरा उतरना अप्रैल 2023 से अनिवार्य होगा, साथ ङी 2023 से रोलिंग की आवाज में कमी लाना भी अनिवार्य कर दिया गया है. इन सभी क्लास के टायर्स के लिए ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड लागू हो जाने पर भारत युनाइटेड नेशंस इकोनॉमिक कमशिन फॉर यूरोप रेगुलेशंस की बराबरी कर लेगा. आपको बता दें कि हर साल भारत लाखों सड़क हादसे होते हैं. जिनमें टायरों का फटना भी एक बड़ी वजह सामने आई है. साथ ही टायर सड़क पर चलते वक्त आवाज भी बहुत करते हैं. इस पर भी कंपनियों को ध्यान देने के लिेए कहा गया है.
वाहन सेफ्टी पर पड़ता है बड़ा असर
टायर के रोलिंग रेजिस्टेंस का सीधा और व्यापक असर वाहन पर पड़ता है, वही गीली सड़क पर ब्रेकिंग के दौरान वेट ग्रिप क्षमता कारगर साबित होती है. इसके अलावा रोलिंग साउंड एमिशन सड़क और टायर के बीच की हरकत पर निकलने वाले साउंड का भी वाहन की सुरक्षा पर असर पड़ता है.
HIGHLIGHTS
- मंत्रालय ने कार निर्माता कंपनियों को भेजा नोटिफिकेशन
- आदेशों का अनुपालन न करने वाली कंपनी पर होगी विभागीय कार्रवाई