Artificial Rain Benefit: आजकल दिल्ली एनसीआर ही नहीं, बल्कि देश के कई अन्य शहरों में भी स्मॅाग यानि पॅाल्यूशन ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. लोगों की सांसों पर खतरा मडराने लगा है. चिकित्सकों ने दमे व हार्ट के मरीजों को घरों से बाहर न निकलने तक की सलाह दे डाली है. हालांकि बीते दिवस थोड़ी सी बारिस ने लोगों के चेहरे पर रोनक जरूर ला दी है. क्योंकि एक्यूआई लेवल 900 के पार पहुंच गया था. बारिस के बाद एक दम नियंत्रित हो गया. यदि और बारिस नहीं होती है तो ऐसे में कृत्रिम वर्षा एक शानदार विकल्प हो सकता है. इससे सिर्फ मानव जीवन ही नहीं बल्कि अन्य भी कई फायदे मिलते हैं. आइये जानते हैं कृत्रिम वर्षा के दस बड़े फायदे.
1.पेयजल की आपूर्ति में सुधार
कृत्रिम वर्षा जल श्रोतों को नियंत्रित करने का एक प्रभावी तरीका है. साथ ही जल की आपूर्ति के स्रोतों को बढ़ाने में मदद करता है. यह पर्यावरण की तत्परता बढ़ाने और जल संसाधनों को सुरक्षित रखने में मदद करता है.
2. कृषि के लिए उपयोगी
कृत्रिम वर्षा के माध्यम से, शुष्क क्षेत्रों में बूंदों की उचित संख्या की आपूर्ति होती है. यह समृद्ध कृषि उत्पादन को प्रोत्साहित करता है और किसानों को धान, गेहूं, मक्का, आदि जैसे फसलों का उचित मात्रा में उत्पादन करने में मदद करता है.
3. प्राकृतिक जीवन के लिए महत्वपूर्ण
कृत्रिम वर्षा प्राकृतिक जीवन के लिए भी महत्वपूर्ण है. यह वनस्पति और जीवजंतुओं को उनकी संप्रजनन की आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करती है. यही नहीं वनस्पती और कंद मूल फल आदी पर जमी धूल को धो डालती है. जिससे उन्हें एक नया जीवन मिलता है. साथ ही वे फिर से खिल खिलाने लगते हैं.
4.खेती में वृद्धि
कृत्रिम वर्षा की सहायता से खेती के लिए आवश्यक मात्रा में पानी प्रदान की जा सकती है. यह फसलों को सुलभता से पानी पहुंचाने और पूरे सतह पर समताप बनाये रखने में मदद करता है. इससे फसलों की उत्पादकता बढ़ती है और किसानों के लिए आय का अवसर उत्पन्न होता है.
5. जल संचयन
कृत्रिम वर लिए विभिन्न निचले स्तरों को भरने में मदद करता है और इसे धारीदार बहाव रूप में उपयोग करने की सुविधा प्रदान करता है. कृत्रिम वर्षा की सहायता से, पानी की अपूर्णता की समस्या का समाधान किया जा सकता है. यह पुनर्जल संसाधन को प्रोत्साहित करता है और सुरंग बनाने जैसे पर्यावरणीय परियोजनाओं के लिए पानी का उपयोग करने में मदद करता है.
6. आपदा प्रबंधन
कृत्रिम वर्षा तकनीक आपदा प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. यहां पानी का प्रयोग आपदा के समय इलाकों में बाढ़ से बचाव के लिए और संगठित रूप से सिंचाई करने के लिए किया जा सकता है. इससे आपदा के समय जीवन बचाने में और स्थानीय सामरिक विकास को प्रोत्साहित करने में सहायता मिलती है.
7. पर्यावरण संरक्षण
कृत्रिम वर्षा की तकनीकों का उपयोग करने से पर्यावरण संरक्षण में सुधार हो सकता है. इसके बजाय प्राकृतिक स्रोतों से पानी को अश्लीलता, प्रदूषण और अन्य क्षतिपूर्तियों से बचाया जा सकता है. कृत्रिम वर्षा की मदद से पैरागेणिक और ईंधन आपूर्ति में भी सुधार कर सकते हैं, जो पर्यावरण के लिए उपयोगी होता है.
8 . जल संसाधनों की बचत
कृत्रिम वर्षा की सुविधा से, जल संसाधनों की बचत की जा सकती है. यह विभिन्न प्रदोष तत्वों को दूर करने और पानी के निर्वहन को मजबूत करने के लिए उपयोगी होती है. इससे जल संसाधनों की अपारिति और पानी के बारे में संज्ञान में सुधार हो सकता है. कृत्रिम वर्षा तकनीकों का उपयोग करके, बाढ़ और जल-प्रलय से बचाव किया जा सकता है. इसे नियंत्रित करके, प्रभावित क्षेत्रों में जल का निर्वहन और स्थिरता बनाए रखा जा सकता है.
9. सब्जी के उत्पादन में सुधार
कृत्रिम वर्षा की सहायता से, सब्जी के उत्पादन में सुधार किया जा सकता है. यह विभिन्न सब्जियों के लिए सही मात्रा में पानी पहुंचाता है और उनके पोषक तत्वों को मजबूत करता है. इससे सब्जियों की उपज और गुणवत्ता में सुधार होता है.
10. पौधों के लिए उपयोगी
कृत्रिम वर्षा की तकनीकों से पौधों के लिए जल की कमी को पूरा करके उसमें सुधार किया जा सकता है. इससे पौधों को संजीवनी मिलती है और उनके प्रणालीकरण को बढ़ाता है. इससे पौधों की अवधारणा और प्रकृति संरक्षण बढ़ता है.
HIGHLIGHTS
- कृत्रिम वर्षा से पर्यावरण संरक्षण में दिखने लगता है सुधार
- खेती व जीव जंतुओं के लिए तो जीवन दायनी बन जाती है कृत्रिम वर्षा
- जल के रिसाइकिल होने के प्रोसेस में भी करती है मदद, पॅाल्यूशन को नियंत्रित करने में करती मदद
Source : News Nation Bureau