बैंक यूनियनों (Bank Union) ने इकोनॉमिक सर्वे (Economic Survey) और बजट (Budget 2020) के दिन क्रमश: 31 जनवरी और 1 फरवरी को हड़ताल (Bank Strike) का आह्वान किया है. बैंक यूनियनों ने इंडियन बैंक एसोसिशन से अपने वेतन वृद्धि की वार्ता विफल होने के बाद यह आह्वान किया है. बैंक कर्मचारियों के यूनियन ने यह जानकारी दी है. बता दें कि इकोनॉमिक सर्वे 31 जनवरी को और केंद्रीय बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा.
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31 जनवरी, 1 फरवरी, 12 13 और 14 मार्च को हड़ताल का आह्वान
एआईबीईए के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने कहा कि हमने 31 जनवरी, 1 फरवरी, 12 13 और 14 मार्च को हड़ताल का आह्वान किया है और एक अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान किया है. हमने ढाई साल से आईबीए के साथ बातचीत की है. पिछली बार उन्होंने कहा था कि बढ़ोतरी 10 फीसदी हो सकती है और अब वे वेतन में 12.25 फीसदी की वृद्धि की बात कह रहे हैं, जबकि हमारी मांग 20 फीसदी बढ़ोतरी की है. उन्हें देखना चाहिए कि महंगाई बढ़ी है और बैंक कर्मचारी पर कार्य का बोझ बढ़ा है, एनपीए की वसूली हो रही है.
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वेतन संशोधन को लेकर 13 जनवरी को हुई थी पिछली बैठक
बता दें कि भारतीय बैंक संघ के साथ वेतन बढ़ोतरी पर बातचीत विफल रहने के बाद यह निर्णय किया गया है. नौ ट्रेड यूनियनों का प्रतिनिधित्व करने वाले यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (यूएफबीयू) ने कहा कि बैंक कर्मचारी 11-13 मार्च को भी तीन दिन की हड़ताल करेंगे. यूएफबीयू के राज्य संयोजक सिद्धार्थ खान ने कहा कि एक अप्रैल से हमने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय किया है. यूएफबीयू वेतन में कम-से-कम 15 फीसदी बढ़ोतरी की मांग कर रहा है, लेकिन आईबीए (IBA) ने 12.25 फीसदी बढ़ोतरी की सीमा तय की है. खान ने कहा कि यह स्वीकार्य नहीं है. वेतन संशोधन को लेकर पिछली बैठक 13 जनवरी को हुई थी. (इनपुट एजेंसी)
Source : News Nation Bureau