MBBS की पढ़ाई करने वालो स्टूडेंट्स के लिए ये खबर बहुत अहम है. क्योंकि अब सरकार का आदेश है जो भी स्टूडेंट्स डॅाक्टरी की पढ़ाई करके निकलेगा उसे 10 साल तक सरकारी जॅाब (government job)करनी होगी. यही नहीं यदि वह ऐसा नहीं करता है तो उसे 1 करोड़ रुपए भरने होंगे. इसके लिए बाकायदा स्टूडेंट्स से बॅान्ड भरवाया जाएगा. बॅान्ड पीजी करने के बाद उन्हें 10 साल तक सरकारी चिकित्सालयों में सेवा देनी होगी. ऐसा नहीं करने पर एक करोड़ की धनराशि प्रदेश सरकार को चुकानी होगी. इस संबंध में नई गाइडलाइन जारी कर दी गई है.
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दरअसल, MBBS करने वाले ज्यादातर स्टूडेंट्स सरकारी जॅाब में नहीं जाना चाहते. क्योंकि उन्हें निजी प्रैक्टिस करने में ज्यादा इंकम होती है. इसलिए प्रदेश सहित पूरे देश में सरकारी चिकित्सकों की भारी कमी है. समस्या को ध्यान में रखते हुए ये नियम बनाया गया है कि अब किसी भी एमबीबीएस स्टूडेंट्स को पहले 10 साल तक सरकारी सेवा में जाना होगा. ऐसा न करने पर उन्हे 1 करोड़ रुपए तक देने पड़ सकते हैं. आपको बता दें कि मॉपअप राउंड में हिस्सा लेने वाले चिकित्सकों से उनके सरकारी अस्पताल में कार्यरत होने संबंधित विवरण मांगा गया है. इस संबंध में सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों, चिकित्सा अधीक्षकों को निर्देश जारी किया है कि निर्धारित प्रारूप में चिकित्सकों से संबंधित सूचना तत्काल भेजें.
इस तरह होगा अमल
शासन की ओर से जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि नीट पीजी मॉपअप राउंड में हिस्सा लेने वाले एमबीबीएस डॉक्टरों को स्नातकोत्तर कोर्स पूरा होने के बाद पूर्ववर्ती अस्पताल में ही कार्यभार ग्रहण करना होगा. पढ़ाई (Study) की अवधि को सेवा अवधि (Service Period) माना जाएगा और विभाग द्वारा बॉन्ड भराया जाएगा. इसके तहत कोर्स पूरा होने के बाद 10 वर्ष की सेवा चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अस्पतालों में देनी होगी.
HIGHLIGHTS
- यदि सरकारी जॅाब न कर पाए तो 1 करोड़ रुपए करने होंगे सरकारी विभाग में जमा
Source : News Nation Bureau