दक्षिण इंग्लैंड में कोरोना वायरस (Coronavirus) का नया प्रकार (स्ट्रेन) सामने आने के बाद रविवार को यूरोपीय संघ के कई देशों ने ब्रिटेन (Britain) से आने वाली उड़ानों पर रोक लगा दी है ताकि इसका प्रकोप उनके देशों में नहीं पहुंचे जबकि कई अन्य देश ऐसे ही प्रतिबंधों को लेकर विचार कर रहे हैं. फ्रांस, जर्मनी नीदरलैंड, बेल्जियम, ऑस्ट्रिया और इटली ने ब्रिटेन की यात्रा पर रोक लगाने संबंधी घोषणा कर दी है. फ्रांस ने रविवार मध्यरात्रि के बाद से 48 घंटों के लिए ब्रिटेन से सभी तरह की यात्रा पर रोक लगा दी. प्रधानमंत्री कार्यालय की घोषणा में कहा गया कि ब्रिटेन जाने वाले लोग इससे प्रभावित नहीं होंगे.
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नीदरलैंड ने इस साल के अंत तक ब्रिटेन से आने वाली उड़ानों पर लगाई रोक
जर्मनी की सरकार ने कहा कि वह ब्रिटेन से आने वाली उड़ानों को रोक रही है. नीदरलैंड ने कम से कम इस साल के अंत तक ब्रिटेन से आने वाली उड़ानों पर रोक लगा दी है. वहीं, बेल्जियम ने रविवार मध्यरात्रि से लेकर अगले 24 घंटों के लिए ब्रिटेन की उड़ानों पर रोक लगाने की घोषणा की है. साथ ही ब्रिटेन की रेल सेवाओं की आवाजाही पर भी रोक लगा दी है. उधर, ऑस्ट्रिया और इटली ने कहा है कि वह ब्रिटेन से आने वाली उड़ानों पर रोक लगाएंगे। हालांकि, उन्होंने प्रतिबंध के समय से संबंधित कोई भी जानकारी साझा नहीं की. इटली के विदेश मंत्री लुइगी डी मायो ने ट्विटर पर कहा कि सरकार कोरोना वायरस के नए प्रकार से इटली के निवासियों को बचाने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है.
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रविवार को ब्रिटेन से करीब दो दर्जन उड़ानें इटली के लिए रवाना होनी हैं. वहीं, चेक गणराज्य ने ब्रिटेन से आने वाले लोगों के लिए पृथक-वास के नियम को लागू कर दिया है. बेल्जियम के प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर डी क्रू ने रविवार को कहा कि वह ''बतौर सावधानी'' मध्यरात्रि से अगले 24 घंटों के लिए ब्रिटेन से आने वाली उड़ानों पर रोक लगा रहे हैं. यूरोपीय संघ के सदस्य तीनों देशों की सरकारों ने कहा कि वे ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन द्वारा लंदन और आसपास के इलाकों के लिए शनिवार को उठाए गए सख्त कदम के मद्देनजर यह फैसला कर रही हैं. इससे पहले जॉनसन ने श्रेणी-4 के सख्त प्रतिबंधों को तत्काल प्रभाव से लागू करते हुए कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि कोरोना वायरस का एक नया स्ट्रेन सामने आया है, जो पूर्व के वायरस के मुकाबले 70 प्रतिशत अधिक तेजी से फैलता है और लंदन व दक्षिण इंग्लैंड में तेजी से संक्रमण फैला सकता है.
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हालांकि, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी तक ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जो साबित करे कि वायरस का नया प्रकार अधिक घातक है और इसपर टीका कम प्रभावी होगा. इस बीच, यूरोपीय संघ के एक सूत्र ने रविवार को बताया कि तेजी से बदलते हालात के मद्देनजर यूरोपीय आयोग सदस्य देशों के साथ संपर्क बनाए हुए है. वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शनिवार देर शाम ट्वीट कर कहा कि संगठन कोविड-19 वायरस के नए प्रकार के संबंध में ब्रिटेन के अधिकारियों के करीबी संपर्क में है.