राजधानी दिल्ली में एक तरफ जहां चमकदार और ऊंची-ऊंची बिल्डिंग मौजूद है वहीं दूसरी तरफ इस शहर में ऐसी तमाम मोहल्ले है जो संकरी और तंग गलियों से होकर गुजरती है. ऐसे में वहां रहने वाले लोगों को कई परेशानियों से होकर गुजरना पड़ता है, जिसमें सबसे बड़ी दिक्कत तब होती है जब वहां मेडिकल एमरजेंसी होने पर कोई एंबुलेंस नहीं आ पाती है. लेकिन हाल ही में इस समस्या का समाधान निकालते हुए बाइक एंबुलेंस की सुविधा शुरू की गई है. बता दें कि इस साल (2019) फरवरी में बाइक एंबुलेंस को लॉन्च किया गया था, जिसने अब तक 657 मरीजों को मदद पहुंचाई है.
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बाइक एंबुलेंस को तंग गलियों और भीड़भाड़ वाले एरिया में मरीजों, घायलों तक पहुंचने के लिए तैनात की गई है. बाइक एंबुलेंस का काम मरीज को हॉस्पिटल पहुंचाना नहीं है बल्कि जब तक बड़ी एंबुलेंस न आ जाए तब तक उन्हें एमरजेंसी मेडिकल सुविधा देना है. बाइक एंबुलेंस की मदद 102 नंबर पर कॉल कर के ली जा सकती है.
एंबुलेंस का संचालन करने वाली कैट्स के आंकड़ों की माने तो फरवरी से मई तक दो हजार से अधिक मरिजों या उनके परिजनों का फोन आया हैं. बाइक एंबुलेंस से जिन 657 मरीजों को मदद पहुंचाई गई है. उनमें सबसे अधिक मरिजों की संख्या दिल का दौड़ा (heart attack) पड़ने वाले या फिर घायर और बीमार थे. किसी भी तरह के हादसों में हल्की चोट लगने वाले घायलों को भी बाइक एंबुलेंस से काफी मदद मिली हैं.
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वहीं प्रशासनिक अधिकारी ने ये भी बताया कि अधिकत्तर बार हल्की चोट लगने पर भी लोग कॉल कर देते हैं. लेकिन बाद में बाइक एंबुलेंस पहुंचने के पहले ही उन्हें किसी की मदद मिल जाती हैं. साथ ही ये बताया जा रहा है कि एंबुलेंसकर्मियों को 1,425 मामलों में बताए गए स्थान पर मरीज नहीं मिलते हैं.
ये सुविधाएं है मौजूद
बाइक एंबुलेंस को फर्स्ट रिस्पांडर व्हीकल (एफआरवी) नाम दिया गया है. ये फर्स्ट एड किट से लैस हैं. साथ इसमें लाइट, छोटे सिलेंडर और सायरन के अलावा ग्रीन किट भी लगाई गई है.