National Consumer Day 24 Dec 2021: 24 दिसंबर का दिन भारत में राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस (National Consumer Day) के रूप में मनाया जाता है. 24 दिसंबर 1986 को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम विधेयक पारित हुआ था. उपभोक्ताओं के महत्व, अधिकारों और जिम्मेदारियों के बारे में लोगों को जागरुक करना राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस का मुख्य उद्देश्य है. 1986 में इस विधेयक को लागू करने के बाद अब तक इसमें कई बार बदलाव किए जा चुके हैं. 1991 और 1993 में अधिनियम में बदलाव किया गया था. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम को अधिक कार्यात्मक और व्यापक बनाने के लिए दिसंबर 2002 में एक व्यापक संशोधन किया गया और 15 मार्च 2003 को इसे लागू किया गया था. इसके बाद 5 मार्च 2004 को इसे पूर्ण रूप से नोटिफाई किया गया था.
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BIS ने कस्टमर्स को मजबूत बनाने के उद्देश्य से एक खास मोबाइल ऐप तैयार किया है. BIS Care App नाम के ऐप को Play Store से डाउनलोड किया जा सकता है. ग्राहकों को इस ऐप से कई बड़ी सुविधाएं मिलती हैं. ग्राहक इस ऐप की मदद से खरीदे गए प्रोडक्ट की शुद्धता और गुणवत्ता की जांच कर सकते हैं. साथ ही इस ऐप के जरिए शिकायत और उसके निवारण आदि की जानकारी भी हासिल की जा सकती है. कस्टमर ISI मार्क के साथ Verify Licence Details में जाकर किसी भी प्रोडक्ट की प्रमाणिकता की जांच कर सकते हैं. हॉलमार्क वाली ज्वैलरी के HUID नंबर से ‘Verify HUID’ में जाकर उसकी शुद्धता चेक कर सकते हैं. इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद को R-number से ‘Verify R-Number’ से चेक कर सकते हैं.
#NationalConsumerDay Consumers can now download BIS-Care app with unique features such as Verify License, Verify HUID, Complaint Redressal etc. #ConsumerDay2021 #JagoGrahakJago @jagograhakjago @PIBConsumerFood pic.twitter.com/QNQwE9huTJ
— BIS (@IndianStandards) December 24, 2021
उपभोक्ताओं के ये हैं अधिकार
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत उपभोक्ताओं को जो मुख्य अधिकार दिए गए हैं वो हैं, सुरक्षा का अधिकार, सूचना का अधिकार, पसंद का अधिकार, सुनवाई जाने का अधिकार, निवारण का अधिकार और उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार.
Online Shopping के लिए भी उपभोक्ता के पास हैं ये अधिकार
साल 2019 के जुलाई महीने में सरकार ने ई-कॉमर्स के लिए भी नए नियम लागू कर दिए हैं. सरकार ने उपभोक्ता के अधिकारों में इन नियमों को तेजी से बढ़ रहे ऑनलाइन शॉपिंग को ध्यान में रखते हुए किया है. ई-कॉमर्स में भी व्यापारिक लेनदेन में हेराफेरी बढ़ गई थी, जिसको लेकर सरकार ने ई-कॉमर्स साइट्स के लिए कई सख्त प्रावधान लागू किए हैं. नए नियमों को कंज्यूमर प्रोटेक्शन (ई-कॉमर्स) रूल्स 2020 नाम दिया गया है.
HIGHLIGHTS
- 24 दिसंबर 1986 को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम विधेयक पारित हुआ था
- ऐप की मदद से प्रोडक्ट की शुद्धता और गुणवत्ता की जांच कर सकते हैं