अब स्टार्टअप कंपनियों को IPO बनाने की मुहिम हुई तेज, जानें क्या बोले Vivek Bindra

IPO: एक जमाना था जब स्टार्टअप के नाम सुनते ही लोग कन्नी काटने लगते हैं. लेकिन जब से देश में “स्टार्टअप इंडिया” नामक प्रोग्राम शुरू हुआ है. तब से आईपीओं की बाढ़ सी आ गई है.

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Sunder Singh
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IPO

सांकेतिक इमेज ( Photo Credit : News nation)

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IPO: एक जमाना था जब स्टार्टअप के नाम सुनते ही लोग कन्नी काटने लगते हैं. लेकिन जब से देश में “स्टार्टअप इंडिया” नामक प्रोग्राम शुरू हुआ है. तब से आईपीओं की बाढ़ सी  आ गई है. एक आंकड़े के मुताबिक 2014 से पहले देश में कुल 300 से 400 स्टार्टअप थे. जिनकी संख्या अब बढ़कर 1.14 लाख तक पहुंच गई है. क्योंकि सरकार ने स्टार्टअप को लेकर लोगों को जागरूक करने का काम किया है. हर नई कंपनी चाहती है कि उसका आईपीओ हो, ताकि उनकी कंपनी भी शेयर मार्केट में लिस्टेड हो. लेकिन सभी कंपनियों की आईपीओ नहीं बन पाते. 

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क्या होता है IPO? 
आईपीओ जब नाम सामने आता है तो हर व्यक्ति इसे नहीं समझ पाता क्योंकि हर किसी से इसका कोई सरोकार भी नहीं है. लेकिन आईपीओ को समझने के लिए इतना समझना जरूरी है कि किसी भी कंपनी को कई शेयर होल्डर मिलकर चलाते हैं. हर कंपनी को अधिक पैसे की जरूरत होती है. जिसकी वजह से ही  कंपनीज खुद को शेयर बाज़ार में खुद को लिस्ट कराती हैं . जिसमें निवेशकों के साथ-साथ आम लोग भी शेयर खरीद सकते हैं. जिसका सीधा पैसा कंपनी के खाते में जाता है. ये शेयर्स BSE और NSE जैसे स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होते हैं जिन्हें आसानी से खरीदा और बेचा जा सकता है.

कैसे बनाया जाता है आईपीओ
प्रशिद्ध मोटिवेशनल स्पीकर डॅा. विवेक बिंद्रा बताते हैं कि हर स्टार्टअप कंपनी चाहती है कि उनकी कंपनी शेयर मार्केट में लिस्टेड हो. लेकिन ऐसा कर पाना थोड़ा मुश्किल जरूर होता है, लेकिन नामुमकिन नहीं. दरअसल, आईपीओ बनाने के लिए कंपनी को कई टर्म एंड कंडिशन पूरी करनी होती है. जिसे हर स्टार्टअप पूरा नहीं कर पाता. जिसके चलते हर कंपनी शेयर मार्केट में लिस्टेड नहीं हो पाती. लेकिन थोड़े संसाधनों से भी कंपनी का आईपीओ बन सकता है. यानि कंपनी शेयर मार्केट में लिस्टेड हो सकती है. 

प्रोग्राम के माध्यम से टिप्स
डॉ विवेक बिंद्रा ने इसके लिए खास प्रोग्राम चलाया है. जिसमें 100 कंपनीज को अगले आने वाले 30 महीनों तक फंडिंग, टेक, मार्केटिंग से जुड़े सभी टिप्स दिये जा रहे हैं. यही नहीं इस प्रोग्राम में कई मार्केट से जुड़े अन्य एक्सपर्ट की राय भी मिलती है. जिसके बाद आपके व्यापार को चार चांद लग जाते हैं..

HIGHLIGHTS

  • 2016 में ऑफिशियली “स्टार्टअप इंडिया” प्रोग्राम हुआ था लॅान्च
  • देश में स्टार्टअप की आई बाढ़, लगभग 1.14 लाख स्टार्टअप  हुए डवलप
  • हर स्टार्टअप का नहीं बन पाता आईपीओ, क्या है तरीका? 

Source : News Nation Bureau

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