कोरोना महामारी के दौर में ज्यादातर लोग अपने बैंक से या ऑफिस से जुड़ा कामकाज इंटरनेट या स्मार्टफोन के जरिए कर रहे हैं. आजकल हर कोई अपनी निजी जानकारी स्मार्टफोन में ही रखता है. ऐसे में साइबर अपराधी भी अलग-अलग तरीके अपनाते हैं ताकि वो हमारा अकाउंट या बैंक अकाउंट को हैक कर पाए. इनमें से दो तरीके विशिंग और स्मिशिंग हैं. बता दें की विशिंग अटैक साइबर हैकर्स का एक बड़ा हथियार है. आजकल कई सारे साइबर अटैक्स हमें देखने को मिल जाते है. आइये जानते है क्या है विशिंग अटैक.
विशिंग क्या है ?
साइबर अपराधियों ने ऑनलाइन ठगी के लिए 'विशिंग कॉल' को बड़ा हथियार बनाया है. विशिंग कॉल से मतलब ऐसी कॉल से है, जिसके जरिए धोखाधड़ी की जाए. दिल्ली में इस तरह के मामले आम है, लगभग हर किसी इंसान के साथ ऐसी धोका धड़ी हो चुकी है. साइबर जालसाज अमूमन खुद को किसी कंपनी या बैंक का कर्मचारी बताकर टेली-कॉलिंग या वॉयस कॉल कर ठगी करते हैं जिससे 'विशिंग कॉल' कहते हैं. बता दें की अगर आपको कई एसएमएस या कॉल मिलता है, जिसमें आपकी निजी जानकारी या क्रेडिट या डेबिट कार्ड डिटेल्स के बारे में पूछता है , तो कृप्या इस जानकारी को न दें. इस तरह से आप विशिंग अटैक से बच सकते है.
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स्मिशिंग अटैक क्या है ? और इससे कैसे बचें
यह शॉर्ट मैसेज सर्विस और फिशिंग के मेल से बना है. इसमें किसी व्यक्ति से उसकी निजी डिटेल्स पता कर ली जाती है. देश भर में मैसेज भेजे जा रहे हैं, जिसमें दावा किया जा रहा है, कि आपके अकाउंट्स के साथ धोखाधड़ी हुई है, अपने अकाउंट को चेक कर्रे या अपडेट करें या इस भेजे हुए लिंक पर क्लिक करें. इस अटैक को स्मिशिंग अटैक कहा जाता है.
जब भी आपको कोई ऐसा मेल आये की अपने अकाउंट को अपडेट करे या भेजे हुए लिंक पर क्लिक करे तो व्यक्ति को ऐसे संदेहपूर्ण ईमेल के बारे में बैंकों को सूचित करना चाहिए, जिनमें बैंक के नाम ओर लोगो का इस्तेमाल किया गया है. किसी तरह के फ्रॉड अकाउंट एक्सेस को पता लगाने के लिए नियमित तौर पर अपने बैंक अकाउंट्स को सबसे पहले चेक करें.