Cheap Medicine Update: दवाओं से हर व्यक्ति का सरोकार होता है. क्योंकि गरीब हो अमीर दवाएं कभी न कभी सभी को खानी पड़ती हैं. लेकिन गरीब व्यक्ति दवाएं महंगी होने के चलते अपना इलाज नहीं करा पाते हैं. ऐसे लोगों को ध्यान में रखते हुए ही सरकार दवाएं सस्ती करने का फैसला लेने वाली है. सूत्रों का दावा है कि लंबे इलाज (long treatment) की कुल 150 प्रकार की दवाओं के दाम 1 सितंबर से कम हो जाएंगे. हालांकि विभाग की ओर से अभी तक ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई है. लेकिन खबर है कि इसके लिए पूरा मसौदा तैयार कर लिया गया है. हेल्थ डिपार्टमेंट (Ministry of Health) को भी इसके लिए मंत्रालय की ओर से दिशा निर्देश मिल गए हैं...
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लंबे इलाज की दवाओं के दाम होंगे कम
दरअसल, सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सिर्फ उन्हीं दवाओं के दाम कम होंगे. जिनका यूज लंबी बीमारी के चलते किया जाता है. आपको बता दें कि पहले चरण में कुल 150 प्रकार की दवाएं इसमें शामिल की गई हैं. जिनके ट्रेड मार्जिन में 30-50 फीसदी तक रोक लगाने की सुझाव दिया गया है. हालांकि अभी इसकी घोषणा नहीं की गई है.. आपको बता दें कि ट्रेड मार्जिन कैपिंग को लेकर दवाओं की लिस्टिंग किए जाने की भी तैयारी चल रही है. बताया जा रहा है कि सितंबर के प्रथम सप्ताह में ही दवाओं के रेट कम करने की घोषणा सरकार कर सकती है.
इन बीमारियों का दवाएं शामिल
बताया जा रहा है कि जिन दवाओं के रेट कम होंगे उनमें ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हाइपरटेंशन, सहित कैंसर की दवाएं भी शामिल है. यही नहीं कोरोनाकाल में महंगे दामों पर बिकने वाला रेमिडिसेविर को उसमें शामिल किये जाने की खबर है. कुछ पेटेन्ट वाली दवा को भी इसके दायरे में रखा गया है. नेशनल फार्मास्यूटिकल (NPPA) "सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड, कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO)" एम्स और स्वास्थ्य मंत्रालय ने मिलकर इन दवाओं की लिस्ट तैयार की है. आपको बता दें कि इन दवाओं में जैनरिक दवाएं भी शामिल किये जाने की चर्चा है. हालांकि घोषणा होने के बाद ही पता चल सकेगा कौनसी दवाओं के रेट कम हुए हैं...
HIGHLIGHTS
- लंबी बीमारी के दौरान यूज होने वाली दवाओं के दाम कम होने की संभावनाएं
- रेमिडिसेविर सहित अन्य जरूरी दवाओं के दाम करने की तैयारी में सरकार
Source : News Nation Bureau