कोरोना की वजह से गत वर्ष से बंद अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों को 15 दिसंबर से शुरू करने का ऐलान तो कर दिया गया है, लेकिन दक्षिण अफ्रीका में कोविड के नए वैरिएंट ओमीक्रॉन मिलने से मचा हड़कंप से इस सेवा के शुरू होने पर फिर संकट मडरा रहा है. पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भी नए वैरिएंट को देखते हुए संबंधित मंत्रालय और अफसरों के साथ समीक्षा करने को कहा है. सूत्रों के अनुसार, नागरिक उड्डयन मंत्रालय और अन्य मंत्रालयों के बीच फिर माथापच्ची शुरू हो गई है.
कोरोना वायरस की समीक्षा बैठक में पीएम मोदी ने 'प्रोएक्टिव' रहने की जरूरत बताई है और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों की निगरानी और दिशानिर्देश के अनुसार यात्रियों की जांच पर जोर दिया है. साथ ही बैठक में पीएम मोदी ने भारत में टीकाकरण की गति, जांच, दवाओं की उपलब्धता सहित आक्सीजन प्लांट को लेकर उच्च अधिकारियों के साथ व्यापक चर्चा की है.
प्रधानमंत्री ने कैबिनेट सचिव, स्वास्थ्य सचिव, गृह सचिव, वैज्ञानिक सलाहकार सहित अन्य केंद्रीय अफसरों को निर्देश दिए हैं कि राज्यों के साथ लगातार संपर्क में रहें और वैक्सीन की दूसरी डोज की गति भी तेज करें. उन्होंने उन स्थानों को कंटेनमेंट जोन बनाने का भी सुझाव दिया, जहां कोरोना के अधिक केस हैं. अधिकारियों ने पीएम मोदी को हर घर दस्तक कार्यक्रम के तहत टीकाकरण के बारे में रिपोर्ट दी है.
PM नरेंद्र मोदी ने कहा कि राज्यों से संपर्क कर सुनिश्चित करें कि पिछले महीनों में लगाए गए PSA प्लांट चालू हैं और वेंटिलेटर काम कर रहे हैं. उन्होंने सभी राज्यों में जरूरी दवाओं और खासकर बच्चों की दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने को लेकर विशेष निर्देश दिया.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बांग्लादेश, चीन, न्यूजीलैंड, बोत्सवाना, मारीशस, जिम्बाब्वे, सिंगापुर, हांगकांग और इजरायल को कोविड के 'जोखिम' वाले देशों की श्रेणी में रखा है. अगर जोखिम श्रेणी वाले देशों के साथ भारत का एयर बबल समझौता है तो उड़ानें उसी अनुसार शुरू होंगी. अगर एयर बबल समझौता नहीं है तो सिर्फ 50 प्रतिशत उड़ानों का ही संचालन होगा.
आपको बता दें कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 15 दिसंबर से एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को शुरू करने का ऐलान किया था. इस संबंध में नागर विमानन महानिदेशालय को आगे की जरूरी कार्रवाई शुरू करने के निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं, लेकिव कई देशों ने अपनी अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवा को कम कर दिया है. अफ्रीका के विभिन्न देशों से आने वाले विमान पर ब्रिटेन, जर्मनी, स्विटजरलैंड जैसे यूरोप के कई देशों ने प्रतिबंध लगा दी है. यूएस ने अपनी अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवा के नियम में बदलाव किया है.
Source : News Nation Bureau