क्रेडिट कार्ड (Credit Card) से शॉपिंग करना एक बेहतरीन जरिया है. बता दें कि क्रेडिट कार्ड की EMI की सुविधा के तहत यूजर्स को अच्छे विकल्प मिलते हैं. इसके तहत यूजर्स 2,500 रुपये से अधिक की शॉपिंग को मासिक किस्तों में बदल सकते हैं. यूजर्स को इस बात की चिंता नहीं होती है कि पेमेंट को एक बार में ही चुकाना है. यूजर्स को अगर यह महसूस होता है कि वे EMI रेग्युलर चुका सकते हैं तो वे इस ऑप्शन का चुनाव कर सकते हैं.
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क्रेडिट कार्ड से जुड़ी सभी जानकारियां हासिल करना जरूरी
जानकारों का कहना है कि अगर कोई यूजर्स इस ऑप्शन का चुनाव करता है तो उसे क्रेडिट की EMI से जुड़ी बेहद अहम जानकारियां होनी चाहिए. मौजूदा समय में अधिकतर क्रेडिट कार्ड के ऊपर EMI की सुविधा मिल रही है. हालांकि अगर यूजर्स नया क्रेडिट कार्ड लेने जा रहे हैं तो यह देख लें कि यह सुविधा मिल रही है या नहीं. बता दें कि बैंक क्रेडिट कार्ड की ईएमआई को लेकर अलग-अलग नियम कायदे रखते हैं. ऐसे में यूजर्स को बैंक के नियम के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए.
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अच्छे रिकॉर्ड वाले यूजर्स प्रोसेसिंग फीस के लिए कर सकते हैं मोलभाव
गौरतलब है कि बैंक यूजर्स से क्रेडिट कार्ड के ऊपर EMI का ऑप्शन चुनने पर एक वन टाइम प्रोसेसिंग फीस वसूलता है. अगर यूजर्स की रीपेमेंट को लेकर अच्छा रिकॉर्ड रहा है तो वह बैंक से प्रोसेसिंग फीस पर मोलभाव भी कर सकता है. बता दें कि अगर यूजर्स के पास 1 लाख रुपये की क्रेडिट लिमिट है और उसने 25 हजार रुपये की शॉपिंग कर ली तो ऐसे में उसके कुल क्रेडिट लिमिट से 25 हजार रुपये कम हो जाएंगे. EMI चुकाते रहने से क्रेडिट लिमिट भी बढ़ती जाती है. इसके अलावा कुछ बैंक प्रीमेंट चार्ज भी वसूलते हैं. ऐसी स्थिति में यूजर्स बैंक से प्रीमपेंट चार्ज को खत्म करने के लिए कह सकते हैं. हालांकि यह बैंकों के ऊपर है कि वे प्रीपेमेंट चार्ज को खत्म करें या नहीं.