इंटरनेट का प्रयोग करने वाले 52 फीसद लोगों को डिजीटल साइबर स्पेस में किस तरह से सुरक्षित रहें, इसकी जानकारी नहीं है. यह ठीक उसी तरह है जिस तरह वाहन चलाते समय सीट बेल्ट और हेलमेट का प्रयोग करना जरूरी है, इसी तरह साइबर स्पेस में सुरक्षित रहने के तरीकों के बारे में भी जानना आवश्यक है. इस आधुनिक युग में सबसे ज्यादा फ्रॅाड की बात करें तो बैंक फ्रॅाड ही हो रहे हैं. कुछ दिन पहले गृह मंत्रालय ने भी साइबर ठगों से लोगों को सावधान रहने की अपील की है. साथ ही साइबर सेल भी समय-समय पर हमें अलर्ट करती रहती है. ताजा जानकारी के मुताबिक साइबर ठगों ने ठगी तरीका भी स्मार्ट ही इजाद किया है. जिसे समझ पाने के लिए स्मार्ट दिमाग की जरूरत है. आइये जानते हैं ये ठग कैसे लोगों को चूना लगा रहे हैं.
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स्मार्ट फोन हाथ में है तो दिमाग से भी स्मार्ट बनना होगा. मोबाइल पर आने वाले मैसेजों, कंपनियों के आफर के नाम पर भेजे गए लिंक को क्लिक करने से बचना होगा. अन्यथा किसी दूसरे शहर या राज्य में बैठा साइबर शातिर पलक झपकते आपका बैंक खाता खाली कर जाएगा. आगरा जोन में साइबर शातिरों ने मोबाइल काल के माध्यम से ही सबसे ज्यादा लोगों के बैंक खाते खाली किए हैं. जनवरी 2020 से 30 जून 2021 के दौरान में फर्जी काल कर 4979 लोगों के बैंक खातों को साइबर शातिरों ने निशाना बनाया. वहीं, इसी दौरान साइबर शातिरों ने यूपीआइ से धोखाधड़ी कर 3139 लोगों के खातों से रकम निकाली है.
आपको बता दें कि आगरा में हाल ही में बीमार मरीज के नाम पर साइबर ठग ने एम्बुलेंस चालक को ही लिंक के माध्यम से शिकार बना डाला, जिसके बाद आगरा पुलिस प्रशासन ने लोगों से अपील की और जागरूक किया कि वो कैसे साइबर ठगों से अपने आपको बचा सकते हैं.
Source : Vineet Dubey