Diwali Special: दिवाली आने में तगरीबन एक माह बचा है. लेकिन क्या है आपको पता है देश में एक ऐसा गांव भी है. जहां एक सप्ताह पहले दिवाली मनाई जाती है. यानि 7 दिनों तक दिवाली का सेलीब्रेशन चलता है. जी हां छत्तीसगढ़ के सेमरा गांव में एक सप्ताह पहले दिवाली मनाई जाती है. आपको बता दें कि वक्त बदल गया, लोग बदल गए, लेकिन सेमरा गांव की परंपरा आज भी वैसी है. कोई भी त्योहार हो. इस गांव में एक हफ्ते पहले ही मनाया जाता है. जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. दीपावली जैसा माहौल पूरे गांव में देखने को मिला है. लोग घरों को सजाते हैं. यही एक सप्ताह पहले से पकवान बनने भी शुरू हो जाते हैं...
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क्या है परम्मपरा
दरअसल, छत्तीसगढ़ के सेमरा गांव में एक परम्मपरा वर्षों से चली आ रही है. कहते हैं सदियो पहले गांव के देवता सिदार ने एक व्यक्ति को सपने में दर्शन दिए और कहा कि हर त्योहार मनाने से पहले उन्हे हूम धूप देना जरुरी है. तभी से यहां हर त्योहार वीक पहले ही मनाया जा रहा है. दिवाली की बात करें तो परिवार के साथ मां लक्ष्मी का विधिवत पूजन करते हैं. प्रसाद बांटते हैं और फिर उसके बाद पटाखे फोड़ते हैं. इस दौरान गांव वासियों के रिश्तेदार भी आते हैं और पूरे धूमधाम के साथ त्योहार मनाते हैं. इस अनोखे दस्तूर के पीछे अतीत की एक दास्तां है. कहते हैं सदियो पहले गांव के देवता सिदार ने एक व्यक्ति को सपने में दर्शन दिए और कहा कि हर त्योहार मनाने से पहले उन्हे हूमधूप देना जरुरी है.
अनहोनी होने का डर
आपको बता दें कि ये भी मान्यता है कि यदि कोई भी गांव का सदस्य परम्मपरा को तोड़ता है तो इन्हें अनहोनी का डर सताता है. इसको लेकर ही गांव के लोग देवता को खुश करने के लिए एक हफ्ते पहले सभी त्योहार मनाते हैं .जो अब परंपरा बन गई है. गांव के लोगों का कहना है कि इस परंपरा के चलते उन्हें अपने रिश्तेदारों से मिलने का मौका मिलता है और एक साथ पर्व मनाने की खुशी मिलती है. इस अनूठी परंपरा से भरा सेमरा गांव की दिवाली देखना अद्भुत ही नहीं बल्कि रोचक है जो परंपरा को जिंदा रखे हुए हैं.
HIGHLIGHTS
- एक माह पहले से घर होने लगते हैं जगमग, घरों में बनते हैं पकवान
- गांव में चली आ रही है एक परम्परा, रिश्तेदारों से मिलने का मिलता है मौका
Source : News Nation Bureau