गाड़ियों में हॉर्न इसलिए होता है कि जब हम सड़क पर चलते हैं तो सामने से कोई गाड़ी के पास आता है तो हम हॉर्न बजाकर चेतावनी देते हैं इससे दुर्घटना होने की संभावना कम रहती है. यही व्यवस्था ट्रेनों में भी देखने को मिलती है. जब पटरी पर ट्रेन दौड़ रही हो तो कोई जानवर या इंसान दिख जाए और ट्रेन किसी ऐसे इलाके से गुजर रही हो जहां दुर्घटना होने की संभावना हो तो ट्रेन हॉर्न बजाती है ताकि कोई नुकसान न हो और किसी की मौत न हो, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आसमान में उड़ते हवाई जहाज में हॉर्न होता है या नहीं?
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क्या हवाई जहाज में हॉर्न होता है?
अब आपके दिमाग में ये बात जरूर आ रही होगी कि आखिर हवाई जहाज में हॉर्न क्यों होगा? क्योंकि आसमान में ट्रैफिक होती नहीं है. ऐसे में पायलट को क्यों हॉर्न की जरूरत होगी? आपको बता दें कि हवाई जहाज में हॉर्न तो होता है लेकिन यह हॉर्न की तरह काम नहीं करता है. फ्लाइट के क्रू मेंबर्स हवाई जहाज में लगे अलार्म से आपस में बात करते हैं. अगर प्लेन में कोई तकनीकी खराबी आती है तो हॉर्न के जरिए ही इसकी जानकारी दी जाती है. इसी हॉर्न के जरिए प्लेन के उड़ने के लिए तैयार होने के बाद ग्राउंड स्टाफ सूचना देते हैं और फिर प्लेन को उड़ने का निर्देश दिया जाता है.
स्वचालितत हॉर्न कैसे काम करता है?
अगर उसी हवाई जहाज में बैठे कैप्टन या पायलट को किसी इंजीनियर को बुलाना पड़ता तो वह मैकेनिक हॉर्न का इस्तेमाल करता है. इसके साथ ही हॉर्न बटन की पहचान करने के लिए उस पर जीएनडी यानी ग्राउंड लिखा होता है. जिसे दबाने से आवाज आती है. विमानों में स्वचालित हॉर्न भी होते हैं, जो प्लेन में सिस्टम खराब होने पर बजने लगते हैं. वहीं, इसमें अलग-अलग फाल्ट होने पर अलग-अलग हॉर्न बजते हैं. इससे एयरक्राफ्ट इंजीनियर को पता चल जाता है कि जहाज में कहां फॉल्ट हुआ है.
HIGHLIGHTS
- विमानों में स्वचालित हॉर्न होते हैं
- जहाज में कहां फॉल्ट हुआ है
- मैकेनिक हॉर्न का इस्तेमाल करता है
Source : News Nation Bureau