केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Epidemic) को देखते हुए मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicles Act) के तहत अनिवार्य ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License), पंजीकरण, वाहन फिटनेस इत्यादि दस्तावेजों की वैधता बढ़ाकर 31 दिसंबर 2020 कर दी गयी है. इससे पहले जून में इसे 30 सितंबर तक के लिए बढ़ाया गया था. देशभर में कोविड-19 के प्रसार की रोकथाम के लिए आवश्यक शर्तों के कारण और अभी तक व्याप्त स्थिति को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया गया है.
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9 जून को जारी आखिरी परामर्श में इसे बढ़ाकर 30 सितंबर तक किया गया था
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के आधिकारिक बयान के मुताबिक जिन दस्तावेजों की वैधता 1 फरवरी 2020 के बाद समाप्त हो चुकी है या 31 दिसंबर 2020 तक समाप्त हो जाएगी. वह 31 दिसंबर 2020 तक वैध माना जाएंगे. संबंधित प्राधिकारियों को इन्हें 31 दिसंबर 2020 तक वैध मानने का परामर्श दिया गया है. मोटर वाहन अधिनियम 1988 और केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 के अंतर्गत फिटनेस, परमिट, लाइसेंस, पंजीकरण या अन्य दस्तावेज अनिवार्य होते हैं. इससे पहले मंत्रालय ने 30 मार्च और 9 जून को भी आदेश जारी कर इनकी वैधता बढ़ायी थी. नौ जून को जारी आखिरी परामर्श में इसे बढ़ाकर 30 सितंबर 2020 कर दिया गया था.
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बयान में कहा गया है कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने मोटर वाहन अधिनियम, 1988 और केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के तहत फिटनेस, परमिट, लाइसेंस, पंजीकरण या अन्य दस्तावेजों की वैधता को 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ाने का फैसला किया है. मंत्रालय ने आगे सलाह दी है कि सभी संबंधित दस्तावेज जिनकी वैधता का विस्तार राष्ट्रव्यापी बंद के कारण नहीं हो सका या होने की संभावना नहीं है और जिन दस्तावेज की वैधता एक फरवरी, 2020 से समाप्त हो गई है या 31 दिसंबर, 2020 तक यह समाप्त हो जाएगी, इन्हें 31 दिसंबर 2020 तक वैध माना जाएगा. प्रवर्तन अधिकारियों को सलाह दी गई है कि वे ऐसे दस्तावेजों को 31 दिसंबर, 2020 तक वैध मानें.