Electric scooter: एक ओर जहां भारत सरकार पेट्रोल और डीजल ( Petrol and diesel Price ) पर निर्भरता कम करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों ( electric vehicles ) को बढ़ावा दे रही है, वहीं लोगों में मन में अभी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स ( electric Car Price ) की सुरक्षा को लेकर संशय बना हुआ है. इसका सबसे बड़ा कारण पिछले कुछ दिनों में ही दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों में आग ( Fire in Electric scooter ) लगने की घटनाओं का सामने आना है. हाल ही में ऐसी कम से कम पांच बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं. लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों के लिए भी यह चिंता का विषय बना हुआ है. इसलिए आज हम आपको यह बताने जा रहे हैं कि आखिर इलेक्ट्रिक व्हीकल में क्यों लगती है आग और इस विषय पर विशेषज्ञ के राय और सरकार के एक्शन प्लान के बारे में...
क्या है जल्द आग लगने का कारण?
दरअसल, गैसोलिन और लिथियम को बेहद ज्वलनशील समझा जाता है. दोनों में आग पकड़ने में केवल तापमान का ही भेद होता है. सबसे बड़ा कारण यह है कि गैसोलिन 210 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा का तापमान होने पर यह आसानी से आग पकड़ लेता है, जबकि लिथियम के साथ यह स्थित 135 डिग्री सेल्सियस से अधिक होने पर है. एक्सपर्ट्स की मानें तो उर्जा के सही इस्तेमाल के लिए टेक्नोलॉजी में सेफ्टी अपनाना बेहद जरूरी है. उनका कहना है कि आईसीई इंजन बिजनेस पुराना है और शुरूआती दौर में इसमे काफी जटिलताएं देखने को मिली हैं. इलेक्ट्रिक स्कूटरों के केस में भी बिल्कुल ऐसा ही है.
केंद्र सरकार भी काफी गंभीर
इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने की घटनाओं को लेकर केंद्र सरकार भी काफी गंभीर है. केंद्रीय सड़क व परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा था कि इसके लिए एक विशेषज्ञ पैनल का गठन किया गया है, जिसकी रिपोर्ट मिलने के बाद कंपनियों पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. गडकरी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग लगने की काफी घटनाएं सामने आई हैं.
Source : News Nation Bureau