Electric vehicles : देश में तेजी से बढ़ते तेल के दाम और पेट्रोल-डीजल पर बढ़ती निर्भरत करने के लिए सरकार लंबे समय से प्रयासरत है. यही वजह है कि सरकार इन दिनों इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दे रही है. लेकिन इलेक्ट्रिक वाहनों की ज्यादा कीमत और चार्जिंग स्टेशनों की कमी के कारण लोग चाहकर भी डीजल-पेट्रोल से चलने वाले पारंपरिक वाहनों से दूरी नहीं बना पा रहे हैं, लेकिन आज हम आपके लिए एक बड़ी खबर लेकर आए हैं. देश के एक राज्य ने सरकारी पेट्रोल-डीजल वाहन पर रोक लगाने की घोषणा की है. घोषणा के अनुसार यहां का हर सरकारी विभाग अगले पांच सालों में केवल इलेक्ट्रिक वाहन ही खरीदेगा. जिसके लिए राज्य में चार्जिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ाई जाएगी.
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केवल इलेक्ट्रिक वाहन ही खरीदने के निर्देश
यहां हम बात कर रहे देश के पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश की. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री की ओर के कहा गया कि पर्यावरण को हरा-भरा और स्वच्छ रखना सरकारी की पहली प्राथमिकता है. इसलिए इलेक्ट्रिक वाहनों को तरजीह दी जा रही है. सीएम के मीडिया सलाहकर नरेश चौहान ने बताया कि इसस पर्यावरण का संरक्षण को होगा ही, साथ में ऊर्जा भी बचेगी. यही वजह है कि सरकार ने सभी विभागों को अगले पांच सालों में केवल इलेक्ट्रिक वाहन ही खरीदने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पेट्रोल-डीजल वाहनों पर निर्भरता कम करने के लिए सरकार ग्रीन एनर्जी पर भी जोर दे रही है.
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इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद को सरल और सुविधाजनक बनाने पर जोर
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि समाज कल्याण योजना के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद को सरल और सुविधाजनक बनाया जा रहा है. आला अधिकारियों की बैठक ले रहे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वो समाज कल्याण योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए अपना 100 प्रतिशत दें. आपको बता दें कि बैन एंड कंपनी की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि 2030 तक 40-45 प्रतिशत ईवी टू-व्हीलर और 15-20 प्रतिशत संख्या इलेक्ट्रिक फोर-व्हीलर की होने की उम्मीद है.
Source : News Nation Bureau