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आरोग्य सेतु मित्र ऐप के माध्यम से स्टेपवन प्रोजेक्ट कोविड-19 के खिलाफ युद्ध में सशक्त

स्टेपवन ने पंजाब, ओड़िशा और कर्नाटक में मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन के लिए प्रौद्योगिकी समर्थित सुविधा भी स्थापित किया है. चुनौतीपूर्ण आर्थिक और स्वास्थ्य परिस्थितियों के कारण चिंता के उच्च स्तर और मानसिक आघात की वजह से, नागरिकों को उचित परामर्श देना ब

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Aditi Sharma
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आरोग्य सेतु ऐप( Photo Credit : फाइल फोटो)

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स्टेपवन कर्नाटक, पंजाब, महाराष्ट्र, ओड़िशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और नागालैंड सहित सात राज्यों में अपनी सेवा प्रदान कर रहा है. आई.वी.आर को प्रत्येक राज्य के लिए स्थानीयकृत किया गया है और वर्तमान में अंग्रेज़ी, हिंदी, कन्नड़, मराठी, ओड़िया, पंजाबी और नागामीज़ में है. पिछले सात हफ्तों में एक मिलियन से अधिक कॉल की जा चुकी हैं, और 6000+ सत्यापित डॉक्टरों द्वारा 70,000 टेली-परामर्श दिए गए हैं। परामर्शों से 3000+ उच्च जोखिम वाले मरीज़ों की पहचान की गई है जिन पर संबंधित राज्य सरकारों ने उचित कार्रवाई की है.

स्टेपवन ने पंजाब, ओड़िशा और कर्नाटक में मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन के लिए प्रौद्योगिकी समर्थित सुविधा भी स्थापित किया है. चुनौतीपूर्ण आर्थिक और स्वास्थ्य परिस्थितियों के कारण चिंता के उच्च स्तर और मानसिक आघात की वजह से, नागरिकों को उचित परामर्श देना बहुत ही आवश्यक हो गया है.

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स्टेपवन, कोविड-19 के खिलाफ लड़ने वाला पहला प्रोजेक्ट है जिसे ए.सी.टी फंड से अनुदान प्राप्त हुआ. कोविड-19 से मुकाबला करने वाली पहल का समर्थन करने हेतु इसे विभिन्न उद्यम पूंजी फर्म और उद्यमियों द्वारा स्थापित किया गया है.

स्टेपवन प्रोजेक्ट एक सामूहिक प्रयास है जहां विभिन्न कंपनियां कोविड 19 और मानसिक स्वास्थ्य से लड़ने के लिए एकजुट हुई हैं, हमारे पार्टनर निम्न हैं: क्लाउड टेलीफ़ोनी में कलयेरा ,एक्सोटेल ओज़ोनटेल, टेक्नोलॉजी में फ्रेशवर्क्स द्वारा फ्रेशडेस्क , लूसेप , रेवरी लैंग्वेज टेक्नोलॉजीज़ , कम्युनिकेशंस और आउटरीच में अभिनव इवेंट्स, इनविज़न360, स्टारटेक, मेलोर्रा ,मनी व्यू , ऑनसाइटगो , फंडिंग में ए.सी.टी , ओमिड्यार नेटवर्क इंडिया , लीगल में आरना लॉ, मेडिकल एसोसिएशन में ओमाग (ऑर्गनाइज़्ड मेडिसिन एकेडमिक गिल्ड) , इंदुसेम , ई.एम.ए (इमरजेंसी मेडिसिन एसोसिएशन) , आई.ए.पी (इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स), के.ओ.एस (कर्नाटक ओप्थाल्मिक सोसाइटी) , आई.एम.ए - महाराष्ट्र , इंडियन साइकियाट्रिक सोसाइटी और टेलीमेडिसिन में डॉकऑनलाइन ,क्लिनिक हेल्थकेयर ,प्रैक्टो , डॉक्सऐप , क्वाराबल , एमफाइन और मेडलाइफ है.

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आरोग्य सेतु मित्र के टेलीमेडिसिन पार्टनर में से एक बनने पर, स्टेपवन के राहुल गुप्ता ने कहा “मार्च में जब हमने स्टेपवन पर विचार किया था, हमारा मिशन सिर्फ लोगों को घर पर रखने का था, ताकि उन्हें कोविड-19 के लक्षणों के संबंध में भय और अनिश्चितताओं से निपटने में मदद मिल सके. टीम की प्रबल स्वास्थ्य सेवा पृष्ठभूमि के लिए धन्यवाद, हमने अपने चिकित्सकों को सुरक्षित रखने की तात्कालिक आवश्यकता को समझा। टेली-स्क्रीनिंग संदिग्धों की पहचान करने और उन्हें मार्गदर्शन देने का सबसे तेज़ और कारगर तरीका है ताकि वे खुद को आइसोलेट रखें तथा और अधिक नागरिकों या हमारे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को संक्रमित न करें। स्टेपवन एक समावेशी समाधान है जो भौगोलिक रूप से काम करता है, यह किसी खास डिवाइस पर काम नहीं करता बल्कि नागरिक हमें फीचर-फ़ोन या स्मार्ट-फ़ोन से कॉल कर सकते हैं. हमें आरोग्य सेतु मित्र ऐप का पार्टनर बनने की खुशी है और हम साथ मिलकर अपने नागरिकों और चिकित्सा समुदाय दोनों की रक्षा करने के लिए आश्वस्त हैं.”

अरविंद पाणी, सी.ई.ओ और सह-संस्थापक रेवरी लैंग्वेज टेक्नोलॉजीज़ बताते है कि “यह हम भारतीयों के लिए एक विडंबना है कि सामान्य परिस्थिति में एक-दूसरे से जुड़ने के लिए स्थानीय भाषाओं को उचित महत्व नहीं दिया. हमें भारतीय भाषाओं को पूर्ण प्राथमिकता देने और 1.3 बिलियन भारतीयों तक पहुँचने के लिए, इस भयंकर महामारी की जरूरत पड़ी! यह हमारे लिए एक जागृत आह्वान है कि भारत "केवल अंग्रेज़ी" बोलने वाला देश नहीं है और केवल अंग्रेज़ी पर ध्यान केंद्रित करके हम कैसे बिखरे हुए हैं.”

वर्तमान महामारी जैसी अनिश्चित स्थितियों में, शब्द 'गो' से विश्वास का निर्माण करना बहुत महत्वपूर्ण है और स्थानीयकृत स्वचालित वॉइस-ओवर विश्वास निर्माण करने में पहला महत्वपूर्ण कारक है. अरविंद पाणी आगे बताते हुए कहते है कि “पहली बार है कि रेवरी के स्वचालित इंडिक भाषा के वॉइस-ओवर का इतने बड़े स्तर पर परीक्षण किया जा रहा है. हम स्थानीयकृत- हिंदी, कन्नड़, मराठी, ओड़िया और भारतीय अंग्रेज़ी वॉयस-ओवर को 90 मिनट के रिकॉर्ड समय में डिलीवर करने में सक्षम रहे हैं, जो कि मैन्युअल रूप से 48 घंटो में किया जाता है. टेलीमेडिसिन पहल के लिए ट्रस्ट मेट्रिक के महत्व पर फिर से जोर देते हुए, हमने यह सुनिश्चित किया कि वॉइस-ओवर जितना संभव हो उतना मानव के बोलने के समान हो

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