कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने कई नियमों में बदलाव किये हैं. इसके साथ ही कई ऐसी व्यवस्था शुरू की गई है जो डिजिटल तरीके से किया जा सके. ईपीएफओ ने यह बदलाव कोरोना के मद्देनजर लिया है. इससे पीएफ (PF) खाताधारकों को फायदा होने की उम्मीद है.
ईपीएफओ ने अपने नियमों में कौन-कौन से बदलाव किए हैं उन्हें जानते हैं-
- ईपीएफओ ने अपने अंशधारकों की शिकायत को लेकर तुरंत समाधान के लिए व्हाट्सऐप हेल्पलाइन नंबर शुरू किया है. इस के जरिए अब अंशधारक अपनी शिकायतों को लेकर ईपीएफओ के क्षेत्रीय कार्यालयों के साथ सीधे बातचीत कर सकते हैं. 138 क्षेत्रीय कार्यालयों में व्हाट्सऐप हेल्पलाइन सेवा शुरू हो चुकी है. सभी क्षेत्रीय कार्यालयों के हेल्पलाइन नंबर ईपीएफओ के वेबसाइट पर मौजूद होंगे.
- ईपीएफओ ने ईपीएस (EPS) सदस्यों को कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के अंतर्गत योजना के प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने में सक्षम बना दिया है.
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- बता दें कि एक सदस्य सिर्फ तभी पेंशन के लिए पात्र होता है जब वह कर्मचारी पेंशन योजना 1995 का कम से कम 10 साल तक का सदस्य रहता है. नई नौकरी से जुड़ने के बाद योजना प्रमाण पत्र यह प्रमाणित करता है कि पिछले पेंशन योग्य सेवा को नए नियोक्ता के साथ प्रदान की गई पेंशन योग्य सेवा से जोड़ दिया जाए. जिससे पेंशन का लाभ बढ़ जाए और साल भी.
- ईपीएफओ के तहत आने वाले कर्मचारियों की बीमा राशि 7 लाख रुपये तक कर दी गई है. बता दें कि ईपीएफओ के एक एक्टिव कर्मचारी की अगर सेवा अवधि के दौरान मौत हो जाती है तो उसके नॉमिनी को 6 लाख रुपए एकमुश्त भुगतान किया जाता है. लेकिन अब इसे बढ़ा कर 7 लाख रुपए कर दी गई है.
- अब कर्मचारी भविष्य निधि संगठन भी वर्चुअल माध्यम से ईपीएफ के तहत आने वाले अर्ध-न्यायिक मामलों की सुनवाई करेगा.
Source : News Nation Bureau