देशभर में सभी गाड़ियों पर फास्टैग लगाना जरूरी हो गया है. फास्टैग को गाड़ी की विंडस्क्रीन पर लगाना होता है. इसे लगाने के बाद टोल प्लाजा से गुजरने पर वहां लगे कैमरे इसे स्कैन कर लेते हैं. इसके बाद टोल की रकम आपके अकाउंट से अपने आप कट जाएगी. ये प्रक्रिया चंद सेकंड में पूरी हो जाती है. आइए इससे जुड़ी समस्या का समाधान बताते हैं.
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सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के मुताबिक एक गाड़ी के लिए केवल एक फास्टैग मिलता है. अगर फास्टैग डैमेज हो जाए तो आप आसानी से उसे बदल सकते हैं, क्योंकि एक गाड़ी के लिए केवल एक फास्टैग नंबर जारी होता है, जिसमें व्हीकल का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC), टैग आईडी समेत दूसरे डिटेल्स भरने होते हैं. ऐसे में केवल पुरानी डिटेल देकर फिर से फास्टैग को इश्यू करवाया जा सकता है.
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वहीं, कुछ लोगों के मन में सवाल रहता है कि यह फास्टैग कब तक चलेगा. बता दें फास्टैग में रखे कैश की वैधता अनलिमिटेड होती है. यानी कभी भी फास्टैग बदलना पड़े तो पैसे नए फास्टैग में ट्रांसफर हो जाएंगे. फास्टैग को My FASTag ऐप या नेटबैंकिंग, क्रेडिट/डेबिट कार्ड, यूपीआई, पेटीएम के जरिए रिचार्ज किया जाता है. अगर आपका फास्टैग काम नहीं कर रहा है तो आप आप घर बैठे क्षतिग्रस्त या फिर फटे फास्टैग को बदल सकते हैं. इसके लिए आप Paytm के जरिये नया फास्टैग जारी करवा सकते हैं. इसके लिए 100 रुपये चार्ज वसूला जाता है.
आप ऐप के माध्यम से गाड़ी का RC और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर देकर दोबारा फास्टैग मंगवा सकते हैं. गाड़ी चोरी होने पर बैंक की हेल्पलाइन पर फोन कर ही फास्टैग को ब्लॉक करवा सकते हैं. बता दें कि जब आप पहली बार फास्टैग के लिए अप्लाई करते हैं तो उस समय एक FASTag अकाउंट जेनरेट होता है, जो हमेशा के लिए होता है. इस FASTag खाते को ऑनलाइन या FASTag ऐप के जरिए एक्सेस कर सकते हैं.
Source : News Nation Bureau