नोटबंदी यानी डिमोनेटाइजेशन के बाद सरकार ने 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों को बैन करते हुए 500 रुपए और 2000 रुपए के नए नोट चलाए थे. लेकिन आपने गौर किया होगा कि पिछले कुछ समय से मार्केट से दो हजार रुपए का नोट अचानक गायब सा हो गया है. यहां तक कि एटीएम से भी अब पांच सौ या उससे छोटे नोट ही निकल पाते हैं और 2000 रुपए का नोट नहीं निकलता. यही वजह है कि लोगों में इस बात की भी चर्चा जोर पकड़ती जा रही है कि सरकार ने दो हजार रुपए के नोट को बंद कर दिया है. यहां तक कि दो हजार रुपए के नोट को लेकर जारी बहस देश की संसद तक पहुंच गई और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को इस पर जवाब देना पड़ा.
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निर्मला सीतारमण ने सवाल के बदले में दिया यह जवाब
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बताया कि सरकार ने ऑटोमेटेड टेलर मशीन यानी एटीएम में 2000 रुपए के नोट भरने या न भरने जैसे कोई भी निर्देश बैंकों को नहीं दिए हैं. यह बैंकों की अपनी मर्जी है कि उनको कैश वेंडिंग मशीनों में किन-किन नोटों को भरना है. लोकसभा में एक लिखित प्रश्न का उत्तर दे रहीं वित्त मंत्री ने कहा कि केन्द्रीय बैंक की सालाना रिपोर्ट के अनुसार मार्च 2017 और मार्च 2022 तक प्रचलन में 500 रुपए और 2000 रुपए वैल्यू के बैंक नोटों की कुल कोस्ट क्रमशः 9.512 लाख करोड़ रुपये और 27.057 लाख करोड़ रुपये थी. उन्होंने कहा कि बैंक को नोट संबंधी कोई निर्देश नहीं दिए गए हैं.
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क्या है नोट से जुड़ी बैंकों की नियमावली
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बैंक अपने उपयोग, उपभोक्ता की जरूरत और दूसरी वजहों के आधार पर एटीएम में धनराशि और मूल्यवर्ग की जरूरत के हिसाब से अपना खुद का आकलन करते हैं.