मोबाइल वॉलेट के जरिए होने वाले फ्रॉड लेनदेन की जिम्मेदारी अब वॉलेट कंपनियों की होगी. ग्राहकों को होने वाले नुकसान की भरपाई इन कंपनियों को करना होगा. मोबाइल वॉलेट उपयोग करने वालों को फ्रॉड ट्रांजेक्शन (Fraud Transaction) से सुरक्षा देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नई गाइडलाइन्स जारी की हैं. पेटीएम (Paytm), फोन-पे (Phone pay), फ्रीचार्ज, गूगल पे (Google pay) जैसे प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स पर नए नियम लागू होंगे.
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गाइडलाइन्स के मुताबिक, उपभोक्ता की गलती न होने के बावजूद फ्रॉड होने पर सारी जिम्मेदारी कंपनी की होगी. रिफंड के लिए यूजर को 3 दिन के अंदर कंपनी को सूचना देनी होगी. इसके बाद कंपनी नुकसान की भरपाई करेगी. अगर कंपनी की लापरवाही के चलते फ्रॉड हुआ है तो बिना सूचना के भी रिफंड करना होगा.
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खाधड़ी होने के बाद 4 से सात दिनों के अंदर वॉलेट कंपनी को सूचना देता है तो वॉलेट कंपनी को नुकसान की रकम के बराबर या अधिकतम 10 हजार रुपए तक की भरपाई करनी ही होगी और अगर उपभोक्ता धोखाधड़ी की सूचना सात दिनों के बाद वॉलेट कंपनी को देता है तो उसे कंपनी की पॉलिसी के अनुसार अमाउंट रिफंड किया जाएगा.
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आरबीआई ने कहा है कि लेनदेन से संबंधित एसएमएस और ईमेल नोटिफिकेशन देने के लिए यूजर्स का मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी रजिस्टर किया जाए. गाइडलाइन्स के मुताबिक, फ्रॉड लेनदेन की सूचना के बाद नियमानुसार अगर कंपनी को रिफंड करना है, तो उसे यह 10 दिन के भीतर करना होगा. दूसरी शिकायतों और विवादों को 90 दिनों के भीतर सुलझाना होगा. अगर 90 दिनों के भीतर शिकायत का समाधान नहीं होता तो वॉलेट कंपनी, यूजर को हुए पूरे नुकसान की भरपाई करेगी.
Source : News Nation Bureau