हमारा पड़ोसी मुल्क श्रीलंका इस समय भयंकर आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है. हालात ऐसे हैं कि यहां दूध के दाम 200 रुपए प्रति किलो से भी उपर पहुंच गए हैं, जबकि चावल के रेट 400 का आंकड़ा पार करने को तैयार हैं. श्रीलंका में पॉवर क्राइसिस भी चरम पर है 13 घंट तक के पॉवर कट की घोषणा की गई है. डीजल बिल्कुल खत्म हो गया है, जिसकी वजह से लोग अपने घरों पर मोबाइल तक चार्ज नहीं कर पा रहे हैं. हालात इतने खौफनाक हैं कि कुछ कहे नहीं बनता. श्रीलंका के इन हालातों के पीछे टैक्स में जबरदस्त कटौती और मुफ्त की योजनाओं को जिम्मेदार माना जा रहा है. यही वजह है कि अब भारत में भी इसको गंभीरता से लिया जा रहा है. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में भारत में फ्री की योजनाओं पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा.
दरअसल, हालही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राज्यों और केंद्र के सचिवों की बैठक आयोजित हुई थी. इस बैठक में राज्यों से प्रमुख व मुख्य सचिव के स्तर वाले अधिकारियों ने भाग लिया, जबकि केंद्र सरकार में अपने सेवाएं दे रहें अधिकारियों ने भी शामिल हुए. बताया गया कि इस बैठक में अधिकारियों ने भारत में चलाई जा रही मुफ्त की योजनाओं को लेकर चिंता जाहिर की. इसके साथ ही अधिकारियों ने प्रधानमंत्री मोदी को एक रिपोर्ट भी सौंपी. रिपोर्ट में बताया कि कैसे फ्री वाली योजनाएं राज्यों की वित्तीय हालत को बदतर बना रही हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री से जल्द ही फ्री वाली योजनाओं पर लगाम लगाने का अनुरोध किया. आपको बता दें कि हाल ही में उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने बिजली के बिल आधे करने और फ्री में लैपटाप बांटने जैसी घोषणाएं की थी.
जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आवास पर सभी विभागों के सचिवों की बैठक ली. यह बैठक लगभग चार घंटे तक चली. इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, पीएम के प्रधान सचिव पीके मिश्रा समेत कई बड़े अधिकारी मौजूद रहे.
Source : News Nation Bureau