भारत की तीसरी सबसे बड़ी एयरलाइंस गो फर्स्ट दिवालिया होने के कगार पर है. कंपनी ने एनसीएलटी में अर्जी देकर दिवालिया घोषित करने की मांग की है. गो फर्स्ट का नाम पहले गो एयर हुआ करता था. साल 2019 में गो एयर ने अपना नाम बदला, साथ ही अपनी स्ट्रैटिजी भी. एक समय था, जब ये एयरलाइंस बेहद सस्ती कीमत पर लोगों को उड़ान भरने का मौका देकर छा गई थी. 2020 में कोरोना लॉकडाउन शुरू होने से पहले गो फर्स्ट भारत की ऐसी चुनिंदा एयरलाइंस में से थी, जो मुनाफे में थीं. एयरलाइंस ने जिस चीज के जरिए ऊचाइयां छुई, अब वही इसके दिवालिया होने की वजह बन गई है. पिछले 11 साल में ये दूसरी बड़ी भारतीय एयरलाइंस है, जो कर्ज के बोझ तले डूबी है. आइए बताते हैं, इस एयरलाइंस के डूबने के असल वजह क्या रही. जिन यात्रियों ने इसमें टिकट बुक कराई है, उन्हें पैसा वापस मिलेगा या नहीं. एयरलाइंस में काम करने वाले 5 हजार से अधिक कर्मचारियों का क्या होगा. साथ ही ये भी बताएंगे कि इससे पहले कौन-कौन सी बड़ी एयरलाइंस डूब चुकी हैं. तो बने रहिए हमारे साथ.
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वाडिया ग्रुप की एयरलाइंस
गो फर्स्ट उसी वाडिया ग्रुप की एयरलाइंस है, जो ब्रिटानिया, बॉम्बे डाइंग जैसी कंपनियों के मालिक हैं. साल 2005 में इसने गो एयर के नाम से अपनी पहली उड़ान भरी थी. ये उड़ान मुंबई से अहमदाबाद के बीच थी. उस समय इसके टिकट बाकी एयरलाइंस के मुकाबले काफी सस्ते थे. इसकी वजह से गो एयर देखते ही देखते इकोनोमी क्लास के पैसेंजरों की चहेती एयरलाइंस बन गई. कंपनी ने अपने इस अल्ट्रा लॉ कॉस्ट मॉडल को दूसरी रूट्स पर भी आजमाया और कामयाबी के आसमान में रफ्तार पकड़ती चली गई. एक दौर ऐसा भी था जब ये एयरलाइंस लगातार 15 महीने तक देश की प्रमुख एयरलाइंस रही. 2018-19 में गो फर्स्ट ने एक कदम आगे बढ़ते हुए अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भी शुरू कर दीं. लेकिन इस एयरलाइंस ने ऐसा काम कर दिया, जिसकी वजह से आज वह खस्ताहाल हो गई है.
विमानन बेड़े में 59 एयरक्राफ्ट
ये एयरलाइंस किसलिए डूबी, आइए बताते हैं. इस एयरलाइंस ने एक ही कंपनी के विमान इंजनों पर भरोसा किया, और यही उसके सबसे बड़ी गलती बन गई. कंपनी के विमानन बेड़े में 59 एयरक्राफ्ट हैं. इनमें से 54 विमान प्रैट एंड व्हिटनी कंपनी के A320neo इंजन वाले हैं जबकि पांच विमानों में A320ceo इंजन लगा है. पांच साल पहले इन इंजनों में खराबी आनी शुरू हुई थी. नतीजतन दुनिया भर में इस इंजन वाले विमानों को ग्राउंड करना पड़ा था. इंजन में सुधार के बाद बहुत से विमान फिर से आसमान में भरने लायक हो चुके हैं, लेकिन कई अब भी उड़ान की बाट जोह रहे हैं. गो फर्स्ट ने दिवालिया आवेदन में भी इन्हीं इंजनों को जिम्मेदार ठहराया है. कहा है कि प्रैट एंड व्हिटनी के इंजनों की वजह से उसे 108 अरब रुपये का नुकसान हो चुका है. रिपोर्ट बताती हैं कि गो फर्स्ट ने पिछले महीने में 4118 फ्लाइटें रद्द की थीं. इसकी वजह से 77,500 यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा था.
तीन साल से झेल रही जबरदस्त घाटा
गो फर्स्ट पिछले तीन साल से जबर्दस्त घाटा झेल रही है. एयरलाइंस रोजाना लगभग 200 उड़ानें संचालित करती थी. भारत के विमानन उद्योग की सबसे बड़ी एयरलाइंस इंडिगो है और बाजार के लगभग 55 फीसदी हिस्से पर उसका कब्जा है. साल 2023 में जनवरी से मार्च तिमाही के आंकड़े बताते हैं कि इस दौरान गो फर्स्ट का बाजार शेयर 7.8 प्रतिशत रहा. इस पीरियड में 29.11 लाख यात्रियों ने इस एयरलाइंस के विमानों में उड़ान भरी.
कई बैंकों से ले रखा था कर्ज
गो फर्स्ट ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, आईडीबीआई, एक्सिस बैंक आदि से कर्ज ले रखा है. एयरलाइंस ने दिवालिया याचिका में बताया है कि उसके ऊपर कुल 6,521 करोड़ रुपये की देनदारी है. हालांकि एयरलाइंस का कुल नुकसान इससे कहीं ज्यादा होने का अनुमान है. कंपनी ने दो साल पहले आईपीओ के जरिए 3600 करोड़ रुपये जुटाने की कोशिश की थी, लेकिन कामयाब नहीं हुई. रही सही कसर, कोरोना ने निकाल दी. इसके बाद कंपनी ऐसी बैठी कि फिर संभल ही नहीं पाई. पिछले 24 महीने में एयरलाइंस में 2400 करोड़ रुपये लगाए जा चुके हैं. लेकिन अब हालत ये है कि एयरलाइंस के पास कर्ज चुकाने के पैसे नहीं है. कंपनी के 5 हजार से अधिक कर्मचारियों को देने के लिए सैलरी नहीं है.
लोगों के सामने समस्या
अब बात उन लोगों की जिन्होंने, गो फर्स्ट में टिकटें बुक करा रखी हैं. गो फर्स्ट एयरलाइंस ने 3 से लेकर 5 मई तक अपनी सभी उड़ानें स्थगित करने का ऐलान किया है. इस दौरान उसका कोई भी विमान नहीं उड़ेगा. ऐसे में सवाल ये उठता है कि जिन यात्रियों ने इस एयरलाइंस की टिकटें बुक कराई हैं, उनका क्या होगा. क्या उनका पैसा वापस मिलेगा. इस सवाल का जवाब एयरलाइंस ने खुद दिया है. उसका कहना है कि जल्द ही यात्रियों को टिकट का पैसा रिफंड कर दिया जाएगा. ये पैसा उसी खाते में वापस जाएगा, जिससे टिकट बुक की होगी. मतलब अगर आपने खुद ऑनलाइन टिकट बुक कराई है तो पैसा सीधा आपके खाते में आ जाएगा. अगर आपने किसी ट्रैवल एजेंट के जरिए टिकट बुक कराई है तो रकम उसके खाते में जाएगी, और आपको उससे अपने पैसे लेने होंगे.
कर्मचारियों पर पड़ेगा फर्क
गो फर्स्ट के दिवालिया कार्यवाही में जाने का असर न सिर्फ कर्मचारियों बल्कि एयरलाइंस से जुड़े अन्य लोगों पर भी पड़ेगा. गो फर्स्ट के जिन रूट्स पर फ्लाइटें रद्द हुई हैं, उनके किराए बढ़ जाएंगे. अगर मामला जल्द नहीं सुलझा, तो गो फर्स्ट के कर्मचारियों की सैलरी और अन्य बिलों का भुगतान लटक सकता है. हालांकि गो फर्स्ट के दिवालिया होने का फायदा दूसरी विमान कंपनियां उठा सकती हैं. वे गो फर्स्ट के पायलटों को अपने यहां ऑफर दे सकती हैं. पायलटों की कमी झेल रहीं विमान कंपनियों के लिए यह एक अच्छा मौका साबित हो सकता है. इसके अलावा गो फर्स्ट के कई विमानों को इंडिगो जैसी दूसरी कंपनियों को लीज पर दिया जा सकता है. इन्हीं वजहों से बुधवार को इंडिगो एयरलाइंस के शेयरों में तेज उछाल आया.
पिछले पांच सालों में दिवालिया होने वाली दूसरी एयरलाइंस
पिछले पांच साल में गो फर्स्ट दूसरी एयरलाइंस है, जो दिवालिया हुई है. अप्रैल 2019 में जेट एयरवेज दिवालिया हो गई थी. डूबी चुकी विमान कंपनियों में विजय माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस भी है. 2003 में धूम धड़ाके से लॉन्च की गई किंगफिशर एयरलाइंस का 2012 में लाइसेंस रद्द हो गया. 2014 में इसे विलफुल डिफॉल्टर घोषित कर दिया गया. इनके अलावा और भी कई छोटी-बड़ी एयरलाइंस हैं, जो या तो बंद हो चुकी हैं या फिर किसी दूसरी एयरलाइंस में मर्ज हो गई हैं. इनमें एयर डेक्कन, सहारा एयरलाइंस, एमडीएलआर एयरलाइंस, दमानिया एयरलाइंस, एयर कोस्टा, इंडस एयर, पैरामाउंट एयरलाइंस आदि का नाम लिया जा सकता है. मनोज शर्मा की रिपोर्ट
HIGHLIGHTS
- दिलालिया होने के कगार पर गो फर्स्ट, 15 तक सभी उड़ाने रद्द
- इससे पहले भी अप्रैल 2019 में जेट एयरवेज दिवालिया हो गई थी
- गो फर्स्ट पिछले तीन साल से झेल रही थी घाटा
Source : News Nation Bureau