UP Family ID: उत्तर प्रदेश में एक बार फिर फैमिली कार्ड को लेकर सरका सख्त हो गई है. विगत दिवस मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने स्वयं फैमिली कार्ड को लेकर बैठक की थी. आपको बता दें कि फैमिली कार्ड को लेकर सबसे पहले 2022 में खबर आई थी. तब कहा गया था कि इससे एक डाटा तैयार किया जाएगा.साथ ही ये भी पता लगाया जाएगा कि परिवार में आय का साधन क्या है. यदि परिवार में कोई भी नौकरी नहीं करता होगा तो ऐसे जरूरतमंद परिवारों को योग्यता के हिसाब से नौकरी दी जाएगी. हालांकि बीच में फैमिली कार्ड का मामला कुछ ठंडे बस्ते में चला गया है.
यह भी पढ़ें : PM Kisan Yojana: जिन किसानों के खाते में नहीं पहुंची 17वीं किस्त, उन्हें एक साथ मिल सकते हैं 4000 रुपए
परिवार की जरूरतों को पूरा करेगा फैमिली कार्ड
विगत दिवस हुई बैठक में फैमिली कार्ड को लेकर मु्ख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काफी सजग दिखे. उन्होने का उत्तर प्रदेश में हर परिवार का कार्ड होना जरूरी है. अधिकारियों को निर्देशित करते हुए उन्होने फैमिली कार्ड के फायदे भी गिनाए . उन्होने कहा यह कार्ड परिवार की हर जरूरत पूरा करने का माध्यम बनेगा. इससे जरूरतमंदों को योजना का सीधे लाभ मिलेगा. साथ ही ईज़ ऑफ लिविंग और गुड गवर्नेंस का आधार भी बनेगा. हालांकि इस बार बेरोजगारों को नौकरी की बात नहीं कही गई है.लेकिन सूत्रों का दावा है कि सरकार परिवार कार्ड से बेरोजगारी दर भी जानन चाहती है. जिसके आधार पर बाद में रोजगार जनरेट किया जा सके...
प्रत्येक परिवार की बनेगी विशिष्ट पहचान
मुख्यमंत्री ने कहा था कि फैमिली कार्ड से परिवार को एक विशिष्ट पहचान मिलेगी . आगे चलकर यह कार्ड परिवार की कई बुनियादी जरूरतों को पूरा भी करेगा. यह डाटाबेस लाभार्थीपरक योजनाओं के बेहतर प्रबंधन, पारदर्शी संचालन एवं योजना का शत-प्रतिशत लाभ पात्र व्यक्तियों तक पहुंचाने में सहायक होगा. फैमिली आइडी का लाभ 25 करोड़ जनता को मिलना चाहिए. इसके डाटाबेस के आधार पर रोजगार से वंचित परिवारों रोजगार से जोड़ा जाएगा.
HIGHLIGHTS
- फैमिली आधार कार्ड को लेकर सख्त दिखे योगी आदित्यनाथ
- बोले- गुड गवर्नेंस का बनेगा आधार, हर परिवार की होगी विशिष्ठ पहचान
- 2022 में फैमिली कार्ड बनाने की कवायद की गई थी शुरू, बीच में ठंडे बस्ते में चली गई थी योजना
Source : News Nation Bureau