Service Charge: अगर आप भी होलट- रेस्टोरेंट में खाना खाने के शौकीन हैं तो आपके लिए खुशखबरी है. क्योंकि सरकार ने आदेशानुसार कोई भी होटल या रेस्त्रां संचालक अब बिल में सर्विस चार्ज नहीं जोड़ेगा. यदि ऐसा करते हुए किसी को पाया गया तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. आदेश के अनुसार अब ग्राहक सर्विस चार्ज देने के लिए बाध्य नहीं है. अब ग्राहक रेस्त्रां में सर्विस चार्ज (Service Charge) देने के लिए साफ इनकार कर सकता है. सरकार ने 2 जून को बड़ी बैठक बुलाई है. इस बैठक में होटल, रेस्त्रां से जुड़े संगठन शामिल होंगे. इसके अलावा बैठक में Zomato, Swiggy, Delhivery, Zepto, Ola, Uber जैसे प्रोवाइडर्स को भी बुलाया गया है. ताकि नए आदेशों को अच्छे से समझ सकें.
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आपको बता दें कि बैठक की अध्यक्षता उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित सिंह करेंगे. बैठक में NRAI- नेशनल रेस्त्रां एसोसिएशन ऑफ इंडिया को भी बुलाया गया है. इस बैठक में कई बड़े मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. दरअसल, कस्टमर हेल्पलाइन पर लगातार मिल रही शिकायताओं के बाद सरकार ने ये कदम उठाया है. भारत सरकार के उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने गाइडलाइंस जारी कर रखी है कि खाने-पीने के बिल में लेवी या सर्विस चार्ज (Service Charge) वैध नहीं है. इस तरह का चार्ज अनिवार्य नहीं है, बल्कि ये ग्राहक की इच्छा पर निर्भर है कि वह देना चाहे तो दे या न दे. ग्राहक जब परिवार के साथ खाने गए तो वह सर्विस चार्ज नहीं देना चाहता तो उन्हें मजबूर नहीं किया जा सकता.
क्या हैं सर्विस चार्ज की गाइडलाइंस
सर्विस चार्ज (Service Charge) को लेकर भारत सरकार की 21 अप्रैल 2017 को जारी गाइडलाइंस में कहा गया था कि ये बात नोटिस में आ रही है कि कुछ होटल और रेस्त्रां ग्राहक की सहमति के बिना टिप या सर्विस चार्ज ले रहे हैं. कई बार कंज्यूमर बिल में लगे सर्विस चार्ज देने के बाद भी वेटर को अलग से ये सोचकर टिप देते हैं कि बिल में लगने वाला चार्ज टैक्स का पार्ट होगा. कई जगह होटल और रेस्त्रां में ये भी लिखा होता है कि अगर कंज्यूमर अनिवार्य तौर पर सर्विस चार्ज देने के लिए सहमत न हों तो न आएं.