अगर आप अपना नंबर पोर्ट कराने की सोच रहे हैं तो 16 दिसंबर से इसका नियम बदल रहा है. अब आपको अपने मोबाइल नंबर को पोर्ट (MNP) करने के लिए एक सप्ताह तक के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा. टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के नए नियमों के मुताबिक यह प्रक्रिया अब पहले से अधिक आसान हो गई है. नए नियम अनुसार अब ट्राई यूनिक पोर्टिंग कोड (UPC) तभी जेनरेट करेगा, जब कोई ग्राहक अपने मोबाइल नंबर को पोर्ट करने के लिए पात्र होगा. ट्राई ही इस बात का फैसला लेगा कि कोई ग्राहक अपना नंबर पोर्ट करने के लिए पात्र है या नहीं. ट्राई ने मोबाइल नंबर पोर्ट करने के लिए निम्न शर्तें तय की हैं.
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पोस्टपेड ग्राहकों के लिए नियम
पोस्टपेड ग्राहकों को अपने मौजूदा टेलिकॉम ऑपरेटर के तमाम बकाये का भुगतान करना होगा. इसके बाद ही वह नंबर पोर्ट करा सकेगा. पोस्टपेड का पूरा बिल जमा करने के बाद आप नंबर पोर्ट कराने के लिए आवेदन कर सकते हैं.
90 दिन पुराना होना चाहिए नंबर
नंबर पोर्ट कराने के लिए यूजर का कनेक्शन कम से कम 90 दिन पुराना होना चाहिए. अगर आपने अपने मोबाइल नंबर के ऑनरशिप को चेंज करने के लिए आवेदन कर रखा है तो आप नंबर पोर्टेबिलिटी के लिए पात्र नहीं होंगे.
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मुकदमे के अधीन नंबर तो नहीं होगा पोर्ट
ऐसा कोई कानूनी आदेश नहीं होना चाहिए, जिसके मुताबिक मोबाइल नंबर को पोर्ट किए जाने पर पाबंदी लगी हो. अगर आपका मोबाइल नंबर किसी मुकदमे के अधीन हो तो आप इसे पोर्ट नहीं करा सकते.
तीन दिन में होगा पोर्ट
नए नियमों के मुताबिक अब आपका नंबर केवल 3 कामकाजी दिनों में पोर्ट हो जाएगा. इसके लिए टेलिकॉम रेग्युलेटर 6.46 रुपये का ट्रांजैक्शन फीस चार्ज करेगा.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो