Google Search: कहते हैं जिसके पास जिनती ज्यादा जानकारी होती है, वो उतना ही अधिक शक्तिशाली होता है. लेकिन आज के समय में सबकी जानकारी का मुख्य स्रोत इंटरनेट यानी Google पर आकर टिक गया है. आज आपको किसी के बारे में जानकारी की जरूत हो तो तुरंत Google बाबा का सहारा लेते हैं. लेकिन इस बीच आपको इस बात की भी नॉलेज जरूर होनी चाहिए कि Google पर क्या सर्च करना है और क्या नहीं. क्योंकि अगर आपको इस बात का ज्ञान नहीं है तो यह आपके लिए काफी जोखिमभरा साबित हो सकता है. यहां तक कि जरा सी लाहपरवाही और भूल आपको जेल तक का रास्ता दिखा सकती है. ऐसे में कुछ ऐसी चीजें हैं जिसे आपको भूलकर भी Google पर सर्च नहीं करना चाहिए.
चाइल्ड पॉर्न
यूं तो दुनियाभर के देशों ने लगभग सभी पॉर्न साइट्स को इंटरनेट से हटवा दिया है, बावजूद इसके कुछ लोग अभी भी गूगल पर पॉर्न कंटेंट सर्च करने से नहीं चूकते. ऐसे लोगों को हम बता दें कि वो गूगल पर गलती से भी चाइल्ड पोर्न कंटेंट यानी पॉर्न वीडियो सर्च न करें. यहां हम आपको बता दें कि भारतीय सरकार ने चाइल्ड पॉर्न देखने, बनाने और अपने सुरक्षित रखने को अपराध के दायरे में ला दिया है और इसके लिए POCSO एक्ट 2012 के सेक्शन 14 के तहत कड़े प्रावधान किए गए हैं. अगर कोई गूगल पर चाइल्ड पॉर्न से जुड़ा कुछ सर्च करता है तो उसके लिए 5 से 7 साल तक जेल का प्रावधान है.
बम बनाने का फॉर्मूला
गूगल पर सर्च न करने के लिए ऐसी ही एक चीज है बम बनाने का फॉर्मूला. इंटरनेट पर आज भूलकर भी बम तैयार करने की तकनीक या बम बनाने का फॉर्मूला जैसी कोई चीज सर्च न करें. क्योंकि ऐसा करने पर आप सुरक्षा एजेंसियों के राडार पर आ सकते हैं. इसके लिए आपको काफी कानूनी पचड़ों से गुजरना पड़ सकता है. इसलिए अच्छा होगा कि आप गूगल पर ऐसा कुछ भी सर्च न करें.
पाइरेटेड फिल्म
फिल्म पाइरेसी इन दिनों सबसे बड़े अपराधों में से एक है. फिल्म के रीलिज से पहले उसको इंटरनेट पर डाला या किसी फिल्म का पाइरेटेड वर्जन नेट पर लीक करना अपराध की श्रेणी में आता है. इसके अलावा ऑनलाइन पाइरेटेड फिल्म डाउनलोड करना भी गैरकानूनी माना गया है. जिसके लिए सरकार ने कानून में सजा का प्रावधान कर रखा है.
गर्भपात कैसे करें
भारत में गर्भपात को लेकर कानून में कड़े प्रावधान किए हैं. इसका सबसे बड़ा कारण देश में बढ़ती लैंगिक असमानता भी है. आज लड़कों की तुलना में लड़कियों की संख्या तेजी से कम होती जा रही है. भारत बिना डॉक्टर की सलाह के गर्भपात करना अपराध समझा गया है. ऐसे में बेहतर होगा कि गर्भपात से जुड़ा कोई भी कंटेंट गूगल पर सर्च किया जाए.
पीड़िता की पहचान
दुर्व्यवहार और छेड़छाड़ जैसी घटना का शिकार हुई पीड़िता की पहचान को उजागर करना भारत में अपराध माना गया है. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने कानून में कई सख्त प्रावधान किए हैं. सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग के अनुसार पीड़िता की असली नाम, पता व तस्वीर को सार्वजनिक करना कानून अपराध है. ऐसे में अगर कोई व्यक्ति किसी भी माध्यम से पीड़िता की पहचान उजागर करता है तो उसको जेल का मुंह देखना पड़ सकता है.
इन बातों का भी रखें ख्याल
- अपना Email ID
- दवाइयां
- कस्टमर केयर का नंबर
Source : News Nation Bureau