हाईवे पर सफर करने वालों के लिए खुशखबरी है. क्योंकि अब सरकार नेविगेशन (navigation)से टोलटेक्स वसूलने की परिक्रिया शुरु करने वाली है. जिससे बल्क में कटने वाले टेक्स से छुटकारा मिल जाएगा. जानकारी के मुताबिक सरकार फास्टैग (fastag)को बहुत जल्द खत्म करेगी. अब जीपीएस के हिसाब से जितना सफर उतना ही पैसा आपके अकाउंट से काटा जाएगा. यह पैसा प्रतिकिमी के हिसाब से लिया जाएगा. जिसके बाद हाईवे पर यात्रा करने वालों को काफी हद तक फायदा हो जाएगा. ये बात केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari)भी संसद में बोल चुके हैं. हालाकि कब से ये सिस्टम शुरू होगा इसकी डेट अभी तक निर्धारित नहीं की गई है. दावा है कि बहुत जल्द जीपीएसयुक्त सिस्टम (GPS enabled system) देश के हाईवेज पर लागू कर दिया जाएगा.
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आपको बता दें कि नए टोल टैक्स के पायलट प्रोजेक्ट की टेस्टिंग शुरू कर दी गई है. किलोमीटर के अनुसार टोल वसूली का सिस्टम यूरोपीय देशों में कामयाब रहा है. भारत में भी उसी तर्ज पर इसे लागू करने की तैयारी है. अभी फास्टैग से एक टोल से दूसरे टोल के बीच का पूरा पैसा लिया जाता है, भले ही आप आधी दूरी ही तय कर रहे हों, हों लेकिन पूरी दूरी का पैसा देना होता है. इससे टोल महंगा पड़ता है. जर्मनी में यह सिस्टम लागू है. वहां लगभग 99 फीसदी गाड़ियों में नेविगेशन सिस्टम से ही टोल वसूला जाता है.
ये होगा नया सिस्टम
नई टेक्नोलॅाजी के मुताबिक जैसे ही हाईवे या एक्सप्रेसवे पर गाड़ी चलनी शुरू होगी, उसके टोल का मीटर ऑन हो जाएगा. अपना सफर खत्म करने के बाद गाड़ी
जैसे ही हाइवे से स्लिप रोड या किसी सामान्य सड़क पर उतरेगी, तय दूरी के हिसाब से नेविगेशन सिस्टम पैसा काट लेगा. यह नया सिस्टम भी फास्टैग की तरह होगा, लेकिन पैसा उतना ही लगेगा जितना सफर तय होगा. अभी भारत में तकरीबन 97 फीसदी गाड़ियों में फास्टैग लगा है.
Source : News Nation Bureau