Farmers Scheme Update:अगर आप हरियाणा राज्य के किसान हैं तो आपके लिए खुशखबरी है. क्योंकि धान की फसल छोड़कर अन्य किसी भी फसल को करने पर हरियाणा सरकार प्रति एकड़ 7000 रुपए की आर्थिक मदद कर रही है. इसके पीछे सरकार का मुख्य उद्देश्य राज्य में पानी का स्तर कम होने से बचाना है. क्योंकि राज्य में धान की खेती बड़े स्तर पर की जाती है. सबसे ज्यादा पानी धान की खेती में ही यूज होता है. इसलिए सरकार ने मेरा पानी, मेरी विरासत के नाम से स्कीम की शुरू की थी. ताकि जल स्तर कम न हो. स्कीम के तहत पात्र किसानों को किसी भी फसल के प्रति एकड़ के हिसाब से सरकार अनुदान दे रही है. जरूरी डॅाक्यूमेंटेशन पूरा करने के बाद आप भी स्कीम का लाभ ले सकते हैं....
यह भी पढ़ें : PM मोदी का निवेशकों को दिया मूलमंत्र हुआ हिट, इन कंपनीज के शेयरों की बंपर खरीदारी
अन्य फसल उगाने वालों को मिलेगा लाभ
मेरा पानी मेरी विरासत स्कीम का लाभ लेने के लिए सबसे पहली पात्रता यही है कि उसे धान की फसल छोड़कर कोई अन्य फसल की खेती करनी होगी. अनुदान की रकम प्रति एकड़ जमीन के हिसाब से दी जाती है. यानि यदि आप हरियाणा राज्य के किसान है तो आपको अन्य फसल की खेती करने पर प्रति एकड़ के हिसाब से अनुदान का भुगतान सरकार की ओर से किया जाएगा. इसके लिए आपको मेरा पानी मेरी विरासत योजना के तहत आवेदन करना जरूरी है. आईये जानते हैं योजना का लाभ उठाने के लिए आपको क्या करना होगा...
योजना से जुड़ने का तरीका
आपको बता दें कि हरियाणा की खट्टर सरकार स्कीम का प्रतिसाल विज्ञापन निकालती है. उसी निर्धारित समय पर आपको रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होता है. साथ ही विज्ञापन में धान की फसल को छोड़कर मक्का, मूंग, बाजरा, कपास और उड़द आदि की खेती की सलाह भी किसान को दी जाती है. इसके लिए आपको आधार कार्ड, आपकी जमीन की खसरा खतौनी की नकल आदि दस्तावेजों की जरूरत होती है. संबंधित ब्लॅाक पर जाकर आप योजना मे आवेदन कर सकते हैं... यदि आप ऑनलाइन आवेदन करना चाहते हैं तो 'मेरा पानी मेरा विरासत' योजना के तहत आवेदन करने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के पोर्टल पर जाना होगा.
HIGHLIGHTS
- हरियाणा राज्य की सरकार ने शुरू की थी मेरा पानी मेरी विरासत योजना
- राज्य में जल स्तर को बनाए रखने के लिए शुरू की गई थी योजना
- राज्य में सबसे ज्यादा लोग करते हैं धान की खेती, पानी की होती है खपत
Source : News Nation Bureau